इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है। लेकिन अभी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर काफी चुनौतियां बनी हुई है और इस लिस्ट में चार्जिंग टाइम भी एक बड़ासवाल है। बेंगलुरु बेस्ड एक स्टार्टअप का दावा है की समस्या का समाधान काफी हद तक खोज लिया गया है।एक्सपोनेंट एनर्जी नाम के 3 साल के पुराने स्टार्टअप में एक ऐसी रैपिड चार्जिंग तकनीक को पेश की किया है जिसको लेकर उनका दावा है कि यह मैच 15 मिनट में किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन को आसानी से चार्ज कर सकता है।
आखिर क्या है रिपीट चार्जिंग टेक्नोलॉजी और कैसे काम करेगी
रेंज एंग्जायटी के बाद यदि कोई दूसरी सबसे बड़ी चिंता किसी इलेक्ट्रिक वाहन मालिक की होती है तो वाहन को चार्ज करने में लगने वाला समय। खैर अब इसका समाधान भी खोज लिया गया है और अब इलेक्ट्रिक वाहन स्मार्टफोन की ही तर्ज पर फटाफट चार्ज हो सकेंगे। हम बता दें की आखिर क्या है रिपीट चार्जिंग टेक्नोलॉजी और कैसे काम करेगी। तकनीक एक्सपोर्ट्स एनर्जी तीन कंपोनेंट्स पर काम कर रही है जिसमें ई-पैक , ई-पंप , और ई-प्लग शामिल है। कंपनी का दावा है कि इसके ई-पंप यानी जाने की चार्जिंग स्टेशन पर 15 मिनट से कम समय में किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन यहां तक की बस की बैटरी को भी पूरी तरह से चार्ज किया जा सकता है।
फास्ट चार्जिंग के दौरान बैटरी की तेजी से गर्म होने की समस्या आम है
एनर्जी-टेक स्टार्टअप, एक्सपोनेंट एनर्जी का कहना है कि उन्होंने दो प्रमुख चुनौतियों पर काम किया है जो LFP सेल्स को तेजी से चार्ज होने में और उत्पन्न करती है। एक्स्पोनेंट्स का बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम वर्चुअल शैल मॉडलों ,डायनेमिक चार्जिंग एल्गोरिदम फास्ट चार्जिंग के दौरान लिथियम प्लेटिंग के कारण होने वाले सेल डिग्रेडेशन को रोकने में मदद करते हैं। फास्ट चार्जिंग के दौरान बैटरी की तेजी से गर्म होने की समस्या आम है। कई बार इससे हादसे भी होने की संभावना रहती है।
कंपनी ने HVAC सिस्टम के साथ फास्ट चार्जिंग के दौरान उत्पन्न होने वाले अत्यधिक गर्मी की समस्या को खत्म करने का प्रयास किया है। इसके लिए कंपनी लिथियम सेल को ठंडा रखने के लिए रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल कर रही है ताकि किसी भी परिस्थिति में ३५ डिग्री सेल्सियस से नीचे बैटरी को अत्यधिक गर्म होने से रोकता है। पिछले 3 महीनों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 25000 से अधिक रेपिड चार्जिंग शेशन पूरे करने का दावा किया है जिससे कंपनी का इस्तेमाल करते हुए 200 से अधिक वाहनों को चार्ज किया गया है जिन्होंने 1000000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की है।
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