मुरादाबाद की पूजा रोजाना जब कमर पर दुपट्टे से अपनी दो साल की मासूम को बांधकर सड़क पर ई-रिक्शा लेकर उतरती है तो लोग उसे देखते रह जाते हैं. पूजा की हिम्मत और हौसला की इन दिनों हर कोई एक मिसाल दे रहा है. बहुत से लोग उसकी सराहना एक योद्धा मां तो एक जिम्मेदार पत्नी के रूप में करते हैं. लेकिन सचाई तो ये है कि पूजा ई-रिक्शा चलाने का काम शौक से नहीं बल्कि मजबूरी में करती है. पूजा का पति बीमार है, ऐसे में उसे ना तो ससुराल और ना ही मायके से मदद मिली तो उसने घर चलाने के लिए ई-रिक्शा चलाने का फैसला कर लिया.
पूजा मुरादाबाद के थाना भोजपुर इलाके गांव श्यामपुर की रहने वाली है. पूजा का पति बीते डेढ़ साल से गंभीर तौर पर बीमार है. जिस कारण उसका पति घर पर ही रहता है. पूजा ने अपने पति की इस बीमारी का कई जगहों पर इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. पूजा की दो साल की बेटी है. लेकिन जब ई-रिक्शा लेकर सड़कों पर उतरती है तो उसे दुपट्टे से अपनी कमर में बांध लेती है और दिन भर अपने साथ ही रखती है.
पूजा कहती है पति के इलाज के लिए बहुत पैसे चाहिए, जोकि उसके पास नहीं है. मदद के लिए ना तो ससुराल पक्ष के जेठ, देवर तैयार हुए और ना ही उसके मायके के तीनों भाई. जिसके बाद पूजा मजबूरी में दो वक्त की रोटी की खातिर मुरादाबाद के भोजपुर से अमरोहा के गजरौला पहुंची, और यहां उसने ई-रिक्शा चलाना शुरू किया. पूजा फिलहाल गजरौला के मोहल्ला बस्ती में किराए के मकान में रह रही है.पूजा ने बताया है कि उसने 30 हजार रुपये में ब्याज पर ई-रिक्शा खरीदा. अब इसे चलाकर वह पूरे परिवार का गुजारा कर रही है. वह पति का इलाज कराना चाहती है. मजबूर और लाचार पूजा ने सरकार से भी मदद की गुहार लगाई है ताकि उसका पति स्वस्थ होकर काम पर लौट सके.
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