आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को सस्पेंड कर दिया गया है. राघव चड्ढा पर फर्जी साइन करवाने का आरोप लगा था, जिसके बाद विशेषाधिकार समिति को ये मामला भेजा गया था. आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने गुरुवार को पांच राज्यसभा सांसदों के “फर्जी हस्ताक्षर” आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा था. अपनी सफाई में चड्ढा ने बीजेपी को चुनौती दी कि वे उन्हें कागज का टुकड़ा दिखाएं जहां वे नकली हस्ताक्षर का दावा कर रहे हैं.
आप सांसद राघव चड्ढा पर पांचों सांसदों ने आरोप लगाया कि उन्होंने उनसे कोई बातबिना या उनकी सहमति लिए बिना प्रस्तावित पैनल में उनका नाम जोड़ दिया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को सांसदों की शिकायतों को उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच और जांच के लिए विशेषाधिकार समिति को भेज दिया। सभापति को चड्ढा द्वारा विशेषाधिकार हनन की शिकायतें मिली थीं, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ 7 अगस्त को एक प्रस्ताव में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों का उल्लंघन करते हुए, उनकी सहमति के बिना सांसदों के नाम शामिल थे।
केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि बिना सहमति के सांसदों का नाम सेलेक्ट कमिटी के प्रस्ताव में शामिल करने पर राघव चड्ढा ने सदन की मर्यादा की अवमानना की. सांसदों के विशेषाधिकार का हनन किया. संसद के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी ये बातें कही. राघव चड्ढा को राज्यसभा से सस्पेंड करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया गया. जबतक विशेषाधिकार समिति अपनी रिपोर्ट नहीं दे देती सस्पेंशन जारी रहेगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निलंबित सांसद संजय सिंह भी ‘हेबुचअल ऑफेंडर’ हैं. मानसून सत्र तक संजय सिंह राज्यसभा से सस्पेंड हैं. आज संसद के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है. जिस दिन सस्पेंड किया गया, उस दिन भी वह बाहर नहीं गए. कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. गोयल ने कहा कि संजय सिंह ने खेद भी नहीं जताया और अपने व्यवहार को जस्टिफ़ाई करते रहे. ससंद परिसर में कई दिन तक बैठे रहे. संजय सिंह सेशन में 56 बार वेल में आए हैं. पहले भी दो बार सस्पेंड हो चुके हैं।
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