Postpartum Depression: गर्भावस्था महिलाओं के लिए एक खूबसूरत अनुभव है, लेकिन इस दौरान उन्हें कई तरह के उतार-चढ़ाव का भी सामना करना पड़ता है। मूड स्विंग्स हो या खाने की क्रेविंग्स, प्रेग्नेंसी के दौरान एक महिला कई सारी अलग-अलग चीजों को अनुभव करती हैं, जो इन दिनों सामान्य होता है। हालांकि, प्रेग्नेंसी के बाद के फेज के लिए महिलाओं और उनके करीबियों को जागरूक होने की जरूरत है।
दरअसल, प्रेग्नेंसी के बाद कई सारी महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन से गुजरती हैं, लेकिन जागरूकता की कमी होने की वजह से बेहद कम लोग ही जानते हैं। यह गर्भावस्था के बाद महिलाओं में होने वाली सबसे आम और गंभीर समस्या है, जो कई मामलों में जानलेवा तक साबित हो सकता है। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए हाल ही में फूड एंड ड्रग एमिस्ट्रेशन ने पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लिए दवाई को मंजूरी दे दी है।
महिलाओं के लिए होगा कारगर
ज़ूरज़ूवे नामक इस दवाई के बारे में बात करते हुए फूड एंड ड्रग एमिस्ट्रेशन के निदेशक डॉ. टिफ़नी फार्चियोन ने कहा कि पोस्टपार्टम डिप्रेशन की ओरल मेडिसिन आने से उन सभी महिलाओं को काफी मदद मिलेगी, जो इस गंभीर और कई बार जानलेवा साबित होने वाली इस समस्या से प्रभावित हैं।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन क्या है?
पोस्टपार्टम डिप्रेशन (पीपीडी) एक तरह का मानसिक विकार है, जो अक्सर बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं में देखने को मिलती है। इसे “बेबी ब्लूज” से अलग है, जो महिलाओं और पुरुषों दोनों को प्रभावित करता है, हालांकि यह आमतौर पर महिलाओं को भी ज्यादा प्रभावित करता है। अगर समय रहते पीपीडी का इलाज न किया जाए तो यह हफ्तों, महीनों या वर्षों तक बना रह सकता है और कई बार घातक भी साबित हो सकता है।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण
डिप्रेशन के अन्य रूपों की तरह, पीपीडी होने पर भई कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। पोस्टपार्टम डिप्रेशन मुख्य लक्षण निम्न हैं-
- उदासी, चिड़चिड़ापन या चिंता
- गतिविधियों में रुचि कम होना
- थकान या ऊर्जा की कमी
- भूख या नींद के पैटर्न में बदलाव
- ध्यान केंद्रित करने या फैसला लेने में कठिनाई
- परिवार और दोस्तों से अलगाव
- सिरदर्द या पाचन संबंधी समस्याएं
- खुद को नुकसान पहुंचाने या आत्महत्या के विचार (गंभीर मामलों में)
पीपीडी की दवाई से जुड़ी जरूरी बातें-
- दिशानिर्देशों के अनुसार, गोली 14 दिनों तक दिन में एक बार लेनी होगी।
- लेबलिंग में एक बॉक्स में चेतावनी दी गई है कि ज़ूरज़ूवे किसी व्यक्ति के गाड़ी चलाने और अन्य खतरनाक गतिविधियों को करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
- एफडीए की चेतावनी के मुताबिक ज़ूरज़ूवे के सबसे आम दुष्प्रभावों में नींद आना, चक्कर आना, दस्त, थकान, नासॉफिरिन्जाइटिस (सामान्य सर्दी), और यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन शामिल हैं।
- एजेंसी ने यह भी चेतावनी दी कि मरीजों को गोली लेने के बाद कम से कम 12 घंटे तक गाड़ी या भारी मशीनरी नहीं चलानी चाहिए।
- पोस्टपार्टम डिप्रेशन के गंभीर मामलों में जूझ रही महिलाओं तक ओरल मेडिसिन की पहुंच लाभकारी साबित होगी।
भारत में पोस्टपार्टम डिप्रेशन
मेंटल हेल्थ केयर की दिशा में यह दवाई एक प्रगतिशील कदम लगता है, लेकिन भारत में इसे अभी भी एक लंबा सफर तय करना होगा। दरअसल, भारत में आज भी कई लोग पोस्टपार्टम डिप्रेशन से काफी हद तक अनजान हैं। जब इस बारे में जागरूकता की कमी होती है, तो नई माताओं तक मदद पहुंचाने में भी संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में यह जरूरी है कि इसे लेकर बातचीत बढ़ाई जाए, ताकि महिलाओं को इससे निपटने में मदद मिले और अन्य नई माताओं के लिए दरवाजे खुलें।
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