आज ही के दिन जन्मे थे मिल्खा सिंह के भाई, डेब्यू टेस्ट में जड़ा ऐतिहासिक शतक, फिर नहीं मिल सका किस्मत का साथ

कहते है कि किस्मत का कोई भरोसा नहीं होता है। कब एक दम से इंसान की किस्मत बदल जाए इसके बारे में किसी को भी नहीं पता चलता है। क्रिकेट जगत में भी ऐसा हमेशा देखने को मिलता है। खिलाड़ी अपने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में शानदार परफॉर्मेंस कर नेशनल टीम में जगह बनाते है तो वहीं कुछ खिलाड़ियों को टीम में मौका मिलने के बाद भी बेंच गर्म करते हुए देखा जाता है।

ये किस्मत नहीं तो भला क्या है? अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह अपने डेब्यू मैच को बेहद ही यादगार बनाए। फिर चाहे वो बल्लेबाज हो या फिर गेंदबाज हर कोई डेब्यू मैच में यादगार प्रदर्शन कर उसे ताउम्र अपनी सुनहरी यादों में जिंदा रखना चाहता है।

ऐसा ही एक ऐतिहासिक प्रदर्शन भारतीय टीम के खिलाड़ी ने किया था, जिसने अपने डेब्यू मैच में धमाकेदार शतक ठोककर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज बेमिसाल तरीके से किया। ये खिलाड़ी कोई और नहीं पूर्व भारतीय क्रिकेटर मिल्खा सिंह के भाई एजी कृपाल सिंह है।

AG Kripal Singh Birthday: आज ही के दिन जन्मे थे एजी कृपाल सिंह

दरअसल, एजी कृपाल सिंह पूर्व भारतीय क्रिकेटर मिल्‍खा सिंह के भाई एजी कृपाल सिंह (AG Kripal Singh) थे, जिनका जन्‍म आज ही के दिन यानी 6 अगस्‍त 1933 को मद्रास में हुआ था। बता दें कि कृपाल सिंह भले ही हमारे बीच इस दुनिया में नहीं हो, लेकिन उनका रिकॉर्ड हमेशा-हमेशा के लिए अमर रहेगा। कृपाल उन चुनींदा भारतीय क्रिकेटरों में शुमार रहे जिन्‍होंने अपने पहले टेस्‍ट की पहली पारी में ही दमदार शतक लगाकर तहलका मचाया था। एजी कृपाल सिंह ने डेब्‍यू मैच में साल 1955-56 में न्‍यूजीलैंड के खिलाफ हैदराबाद में हुए एक मैच में नाबाद100 रनों की पारी खेली थी। हालांकि, ये मैच ड्रॉ पर खत्‍म हुआ था, लेकिन उनका ये ऐतिहासिक रिकॉर्ड हमेशा के लिए रिकॉर्ड्स बुक में दर्ज हो गया।

दाएं हाथ के बल्‍लेबाज एजी कृपाल सिंह ने टीम इंडिया के लिए कुल 14 टेस्‍ट मैच खेले। 14 टेस्ट की 20 पारियों में वह 5 बार नाबाद रहे और 28 की औसत से 422 रन बनाए। इस दौरान करियर में एक शतक और 2 अर्धशतक भी शामिल रहे। उनका अधिकतम स्‍कोर नाबाद 100 रनों का रहा। इन 14 टेस्‍ट में अपनी गेंदबाजी का जलवा बिखेरते हुए उन्होंने 10 विकेट चटकाए। ऐसे में डेब्यू मैच में जिस तरह से कृपाल सिंह ने शुरुआत की थी वह उस फॉर्म को और ऊपर नहीं ले जा पाए। उनका निधन 22 जुलाई 1987 को हुआ