आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने स्टूडियो में फांसी लगाकर की खुदखुशी, 4 नेशनल फिल्म अवॉर्ड से हुए थे सम्मानित

जानेमाने आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने मंगलवार देर रात खुदकुशी कर ली। उनके मैनेजर ने बताया कि मुंबई के नजदीक करजत में अपने एनडी स्टूडियो में रात में 3.30 बजे फांसी लगाई। उनकी उम्र 58 साल थी। वे अपना ज्यादातर वक्त इसी स्टूडियो में बिताते थे।

पुलिस सूत्रों ने भास्कर को बताया, देसाई मंगलवार रात 10 बजे अपने कमरे में चले गए थे। आज सुबह काफी देर तक वो बाहर नहीं आए। उनके बॉडी गार्ड और दूसरे लोगों ने दरवाजा खटखटाया। खिड़की से देखा गया तो देसाई का शव पंखे से लटका हुआ था। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

आत्महत्या की दो वजहें सामने आ रही हैं। एक आर्थिक तंगी, दूसरी मेडिकल प्रॉब्लम। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। महाराष्ट्र के विधायक महेश बाल्दी ने आज बताया कि वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी आत्महत्या की वजह ये हो सकती है। उधर, कुछ समय पहले दैनिक भास्कर को उन्होंने ऑफ कैमरा बताया था कि बेटी की शादी के बाद उनकी मेडिकल प्रॉब्लम काफी बढ़ गई थी।

नितिन ने हम दिल दे चुके सनम, लगान, देवदास, जोधा अकबर और प्रेम रतन धन पायो जैसी फिल्मों के सेट डिजाइन किए थे। उन्हें चार बार बेस्ट आर्ट डायरेक्शन का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। आखिरी बार उन्होंने फिल्म पानीपत के लिए काम किया था।

पहले प्रोजेक्ट के सेट पर लगातार 13 दिन और 13 रात काम किया
नितिन ने 1987 में टीवी शो ‘तमस’ से अपना करियर शुरू किया था। वह 13 दिन और 13 रात उसी सेट पर रहे। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, उस वक्त अगर 15 मिनट नहाने भी जाता तो लगता था कि वह अपने 15 मिनट बर्बाद कर रहे हैं।

ब्रैड पिट की फिल्म में काम नहीं कर पाने की चाहत में बना ND स्टूडियो
चार महीने पहले भास्कर से बातचीत में नितिन ने बताया था कि ब्रैड पिट की फिल्म में काम नहीं कर पाने की चाहत में उन्होंने ND स्टूडियो बनाया था। नितिन ने बताया था, ‘अमेरिकन फिल्म डायरेक्टर ओलिवर स्टोन ने मुझे काम करने का ऑफर दिया था। उनके साथ मैं 9 दिन लद्दाख, उदयपुर, महाराष्ट्र जैसे कई शहरों में घूमा था। उनको ब्रैड पिट के साथ एलेक्जेंडर-द ग्रेट बनानी थी। उन्हें फिल्म का कुछ हिस्सा इंडिया में शूट करना था। हमने हर चीज डिस्कस की लेकिन जब मैं उन्हें एक स्टूडियो में लेकर गया तो वो उसे देखकर थोड़े नर्वस हो गए।’

‘फिल्म का बजट 650 करोड़ था, लेकिन जिस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए था, वैसा नहीं मिला। तब मुझे लगा कि ऐसा स्टूडियो बनाना चाहिए जिसे इंटरनेशनल लोगों की एक्सपेक्टेशन पूरी हो पाए। इस बात को ध्यान में रखकर काफी लोकेशन खोजने के बाद मुझे कर्जत में ND स्टूडियो बनाने का मौका मिला।’

फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ के लिए एक करोड़ ग्लास का शीशमहल बनाया था
ND स्टूडियो में सबसे पहले आमिर खान की फिल्म ‘मंगल पांडे-द राइजिंग’ की शूटिंग हुई थी। फिर मधुर भंडारकर की ‘ट्रैफिक सिग्नल’ और आशुतोष गोवारिकर की ‘जोधा अकबर’ शूट हुई। इस फिल्म के लिए ऐश्वर्या राय, ऋतिक रोशन 6 महीने तक सेट पर रहे थे।

सलमान खान की हर बड़ी फिल्में वांटेड, बॉडीगार्ड, प्रेम रतन धन पायो, किक, सब यहीं शूट हुई हैं। नितिन ने बताया था, सलमान को नेचर के करीब रहकर शूट करना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए वो ये स्टूडियो चुनते हैं। ‘प्रेम रतन धन पायो’ के लिए वे 90 दिन तक सेट पर रहे थे। इस फिल्म के लिए हमने एक करोड़ ग्लास का शीशमहल बनाया था। जब भी सलमान यहां आते हैं ज्यादातर बिना सिक्योरिटी के स्कूटी से घूमते हैं।

एडवर्टाइजिंग एजेंसी ने लगाया था धोखाधड़ी का आरोप
मई में एक एडवर्टाइजिंग एजेंसी ने देसाई पर 51.7 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। एजेंसी ने कहा था कि 3 महीने तक काम करवाने के बावजूद देसाई ने पैसा नहीं दिया था। हालांकि, नितिन ने इन आरोपों का खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि एजेंसी पहले भी उन पर इस तरह के आरोप लगा चुकी है।

लॉकडाउन में फाइनेंशियल प्रॉब्लम से गुजरे, भास्कर को बताई थी मेडिकल प्रॉब्लम
भास्कर ने इसी साल अप्रैल में नितिन देसाई का इंटरव्यू लिया था। इस दौरान उन्होंने ऑफ कैमरा बताया था कि बेटी की शादी के बाद उनकी मेडिकल प्रॉब्लम काफी बढ़ गई थी। वे लॉकडाउन के वक्त भी फाइनेंशियल प्रॉब्लम से जूझ रहे थे। उन्होंने अपने करियर, एनडी स्टूडियो और जिंदगी के बारे में भी कई बातें साझा की थीं।

उन्होंने एक किस्सा सुनाया कि मां हमेशा पूछती थीं कि आर्ट डायरेक्टर का क्या काम होता है। मेरे मैले कपड़े देखकर मां हमेशा पूछती कि तू करता क्या है? मां को इसका जवाब देने के लिए मुझे साढ़े 6 साल लग गए। एक दिन ‘चाणक्य’ के सेट पर मैंने अपने माता-पिता को आमंत्रित किया। पूरा सेट दिखाया। मैंने बताया कि ये पूरा पैलेस मैंने बनाया है। ये सुनकर उनका दिल भर आया, वो रो पड़ी, मैं भी रो पड़ा।