नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विद्यार्थियों का आवाहन किया है कि वे नवाचार को अपनाकर उद्यमी बने और अपना काम स्वयं शुरू करें। नई दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शताब्दी दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने छात्रों से कहा कि वे स्वयं को आर्थिक राष्ट्रवाद के पथ पर अग्रसर करें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में जनसंसाधन की बहुत बडी भूमिका होती है और युवकों को राजनीति के माध्यम से सशक्त बनने की बजाय अपनी क्षमता और व्यक्तित्व का निर्माण करना चाहिए ताकि एक स्वस्थ वातावरण और समाज का सृजन हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में आपसी विचार-विमर्श जरूरी है। उन्होंने कहा कि अड़चनें खडी करना और आपसी मतभेद पैदा करना लोकतांत्रिक मूल्यों के विरूद्ध है।
दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में जल्द ही एक मैडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार ने यह मैडिकल कॉलेज शुरू करने की अनुमति दे दी है। सुश्री अख्तर ने कहा कि जामिया में दन्त चिकित्सा, फिजियोथेरिपी क्लिनिक, प्राथमिक चिकित्सा क्लिनिक है।
शैक्षणिक वर्ष 2019 और 2020 में उत्तीर्ण छात्रों के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया में आज अपना शताब्दी वर्ष का दीक्षांत समारोह आयोजित किया। 12 हजार पांच सौ से अधिक छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किया गया। अपने संबोधन में केन्द्रीय मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने पूर्व राष्ट्रपति और जामिया के कुलपति डॉ जाकिर हुसैन के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षा हमारे लोकतान्त्रिक जीवन की सांस है और शिक्षा को जीवन की मुख्य सुचनात्मक शक्ति के रूप में देखना चाहिए। यह शिक्षा ही है जो हमे भविष्य की एक सामान्य दृष्टि दे सकती है और हमारे अन्दर बौद्धिक और नैतिक ऊर्जा पैदा कर सकती है।
श्री प्रधान ने कहा कि जाकिर हुसैन हमेशा कहते थे कि शिक्षा ही पुराने मुल्यो को संरक्षित कर सकती है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश की स्वतन्त्रता आंदोलन में इस विश्वविद्यालय की बहुत बडी भूमिका थी और यह अगले 25 वर्षो में बौद्धिक नेतृत्व प्रदान करने में पहला स्थान रखेगा।
[metaslider id="347522"]