अनोखी भक्ति : कान्हा की दीवानगी में मीरा बनी महिला, भगवान का इलाज कराने पहुंची अस्पताल

दतिया। भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्तों की अटूट आस्था और भक्ति से जन्मे कई रोचक किस्से और सत्य घटनाओं से प्राचीन धार्मिक ग्रंथ भरे पड़े हैं। भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्त मीराबाई की भक्ति को कौन नहीं जानता। लीलाधर श्री वृंदावन बांके बिहारी भगवान श्री कृष्ण को प्रत्येक हिंदू सनातनी परिवार प्राचीन पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अपने घर में लड्डू गोपाल के रूप में सिंहासन पर विराजमान कर पूजता चला आ रहा है। ग्रहस्थ अपने घर में भगवान कान्हा जी के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल जी की ही पूजा करते हैं।

मध्यप्रदेश के दतिया की तहसील इंदरगढ़ इलाके के छोटे से ग्राम पढ़री के रहने वाले प्रमोद यादव की पत्नी रजनी, भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में ऐसी डूबी कि लोग उनकी दीवानगी को देखकर उन्हें पागल कहने लगे और उनकी हंसी उड़ाने लगे फिर भी अपने कान्हा.. अपने लड्डू गोपाल.. अपने ठाकुर जी.. के प्रति उनका लगाव कम नहीं हुआ।

भक्ति की चरम सीमा तो तब सामने आई जब रजनी यादव के द्वारा लड्डू गोपाल जी की आरती पूजा करने के बाद प्रज्वलित किए गए दिये से अचानक सिंहासन पर बैठे लड्डू गोपाल जी की चुनरी में आग लग गई। कान्हा के वस्त्रों में आग लगने के कारण प्रतिमा काली हो गई और यही सब सोचकर भक्ति में डूबी रजनी अपने पति प्रमोद के साथ लड्डू गोपाल जी को गोद में लेकर उनका उपचार कराने जिला अस्पताल जा पहुंची।

जिला अस्पताल में रजनी ने बकायदा अपने ठाकुर जी का पर्चा बनवाया और आग में झुलस गए ठाकुर जी का उपचार करने का डॉक्टरों से बोला। हम अपनी खास रिपोर्ट में आपको वह सब कुछ दिखाएंगे। हम ने ग्राम पढ़री की रहने वाली रजनी यादव से दतिया में खास बातचीत की। यहां यह उल्लेखनीय है कि श्री कृष्ण की भक्त रजनी ठंडी सड़क मार्ग बड़े फव्वारे के पास रहने लगी है और शहर में रहकर वह अपने बच्चों को पढ़ा लिखा रही है। कान्हा की दीवानी रजनी की भक्ति को देखकर चिकित्सक भी हैरान है। डॉ आशुतोष आर्य का कहना था कि जब रजनी अपने लड्डू गोपाल कान्हा जी को आग में झुलस जाने के कारण उनका उपचार कराने अस्पताल लेकर आएं उस वक्त भी ड्यूटी पर थे।

डॉक्टर ने बताया कि पहले तो आश्चर्य हुआ, लेकिन कृष्ण की भक्ति में डूबी रजनी घबरा रही थी रो रही थी और बार-बार अपने कान्हा को दुलार कर रही थी। सब कुछ समझ से परे था, लेकिन फिर उनको समझाया गया उनके हाथ से कान्हा जी को लिया गया और उनका चेकअप किया फिर यह रजनी को भरोसा दिलाया गया कि कान्हा जी पूर्णतया स्वस्थ हैं।

डॉ आशुतोष आर्य का कहना था कि रजनी का भी चेकअप किया गया उनका बीपी हाई था। अपनी पत्नी रजनी के साथ अस्पताल में ठाकुर लड्डू गोपाल जी का उपचार कराने आए प्रमोद यादव ने अपने मूलनिवासी होने का परिचय दिया और बताया कि वह कान्हा जी का इलाज कराने अपनी पत्नी के साथ आए हैं।

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