लखनऊ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगामी लोकसभा चुनाव यूपी से लड़ने की अटकलों को पंख लगे हैं। जनता दल यूनाइटेड की उत्तर प्रदेश की इकाई ने उनके यहां से चुनाव लड़ने की मांग रखी है। यूपी का संगठन चाहता कि नीतीश कुमार यहां से चुनाव लड़ेंगे तो एक बड़ा संदेश जाएगा और पार्टी के साथ विपक्षी गठबंधन को भी मजबूती मिलेगी।
जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में यह मुद्दा उठा था जिसे यूपी के संयोजक सत्येंद्र पटेल ने उठाया था। फिर इस मामले को और हवा मिली जब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष लल्लन सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री चुनाव कहां से चुनाव लड़ेंगे, इस पर अभी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन कुछ कार्यकर्ताओं ने जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में यह मुद्दा उठाया। उनकी इच्छा है कि वो यूपी के फूलपुर, मिर्ज़ापुर से चुनाव लड़ें तो कुछ चाहते हैं कि नीतीश आंबेडकर नगर से चुनाव लड़ें। ये कार्यकर्ताओं की भावना है लेकिन इसपर समय से पहले कुछ भी कहना उचित नहीं है।
जदयू के कुछ पदाधिकारी नीतीश कुमार को फूलपुर से चुनाव लड़ाने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि फूलपुर सीट के जातीय समीकरण को देखें तो यहाँ सबसे ज़्यादा कुर्मी वोटर हैं। उसके बाद यादव, मुस्लिम और ब्राह्मण वोटरों की संख्या यहां सबसे ज़्यादा है। ऐसे में नीतीश कुमार कुर्मी वोटरों के सहारे चुनाव लड़ने की रणनीति बना सकते हैं। इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू कर चुके हैं, इसलिए यह हमेशा खास रही है।
फूलपुर सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है। लेकिन बाद में सपा और बसपा भी यहाँ से चुनाव जीत चुकी है। हालांकि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने यह सीट छीन ली थी। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो नीतीश कुमार यहां से चुनाव लड़कर अपनी छवि राष्ट्रीय स्तर की बना सकते हैं। इसकी दूरी भी काशी से कम है। तो पीएम मोदी से मुकाबले के तौर पर इसे देखा जा सकता है। हालांकि कुछ कार्यकर्ता फतेहपुर, आंबेडकर नगर का प्रस्ताव दे चुके हैं।
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