रायपुर। मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को कुछ व्यक्ति फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे 267 लोगों के द्वारा नौकरी करने वालों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नग्न प्रदर्शन किया गया। आमासिवनी मोड़ के पास विधानसभा रोड में नग्न प्रदर्शन करने पहुंचे प्रदर्शनकारियों को ड्यूटी में तैनात पुलिस बल के द्वारा रोकने काफी प्रयास किया गया, किन्तु प्रदर्शनकारी बातों को ना मानकर उग्र हो गए। अश्लील अवैधानिक प्रदर्शन को रोकने हेतु पुलिस बल द्वारा उन्हें हिरासत में लिया गया। इस दौरान पुलिस के साथ झूमाझटकी भी हुई।
प्रदर्शनकारियों द्वारा जिला प्रशासन से निर्वस्त्र होकर विधानसभा घेरने हेतु अनुमति मांगी गयी थी, जिन्हें अनुमति न देकर निरस्त कर दिया गया था और उन्हें जानकारी भी उपलब्ध कराई गई थी, जो मांग आप लोगो द्वारा की जा रही है उनमें से पूर्व में भर्ती हुए और लंबे समय से कार्यरत फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र वाले 267 लोगों पर कार्यवाही के संबंध में राज्य शासन द्वारा संबंधित विभागों को कार्यवाही हेतु वर्ष 2020 में पत्र जारी किया गया था। इसमें से 40 लोगों को बर्खास्त भी किया जा चुका है, कुछ के प्रकरण में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जबकि ज्यादातर प्रकरणों में माननीय न्यायालय से स्टे है। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने अवैधानिक और भारतीय सामाजिक मूल्यों के विपरीत निर्वस्त्र होकर अश्लील प्रदर्शन किया।
पुलिस टीम द्वारा निर्वस्त होकर प्रदर्शनकर रहे 29 आरापियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों का मोबाईल फोन चेक करने पर उनके द्वारा निर्वस्त्र होकर बनाये गए अश्लील विडीयो को सोशल मिडिया के विभिन्न ग्रुपों में वायरल भी कर दिया गया था। जिस पर 29 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध थाना विधानसभा में अपराध क्र. 213/23 धारा 146, 147, 353, 332, 294 भा.द.वि. तथा 67 (ए) आई.टी. एक्ट का अपराधा पंजीबद्ध कर आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
प्रदर्शनकारीयों द्वारा बनाए गए अश्लील वीडियो को यदि कोई भी व्यक्ति सोशल मिडिया या अन्य माध्यम से प्रचार प्रसार कर अश्लीलता परोसेगा तो उसके भी आई. टी. एक्ट की धारा 67 (ए) के तहत कार्यवाही की जा सकती है। अतः नग्न प्रदर्शन के वीडियो अग्रेषित ना करें।
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