बारिश से खिसकी रेल पटरी तले जमीन…

कांगरा। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से काफी नुकसान हो रहा है। यहां कांगरा जिले के पठानकोट-जोगिन्दरनगर रेलमार्ग पर ज्वालामुखी रोड रानीताल व कोपडलाहड़ के बीच भारी वर्षा के कारण मंगलवार को रेल लाइन के नीचे की मिट्टी बह जाने से करीब 300 मीटर रेल पटरी हवा में लटक गई है।

बताया जा रहा है कि सुबह से हो रही भारी बारिश के कारण रेल लाइन के एक ओर पहाड़ी की तरफ पानी निकासी के लिए बनी नाली में भारी मात्रा में तेज रफ्तार पानी आने से कोपडलाहड़ के पास बनी सुरंग से रानीताल की ओर 300 मीटर मिट्टी बह जाने से रेल लाइन हवा में लटक गई। जिस तरह रेल लाइन क्षतिग्रस्त हुई है।

अगले 6 महीने तक रेल लाइन की रहेगी समस्या
जिस तरह से यह लाइन के नीचे भूस्खलन हुआ है तो उससे लगता है कि अगले छह महीने तक रेल यातायात बहाल नहीं हो पाएगा। रेलवे चक्की पुल के क्षतिग्रस्त हाेने के बाद अब कोपडलाहड में रेलवे विभाग को यह एक बड़ा नुकसान पहुंचा है।

पठानकोट-जोगिन्दरनगर रेलमार्ग पर चक्की खड्ड पर बने रेलवे पुल के गिर जाने के बाद फिलहाल दो रेलगाड़ियां नूरपुर रोड से बैजनाथ तक आवाजाही कर रहीं थी, लेकिन 8 जुलाई को भारी वर्षा से गुलेर व लुनसु के बीच पहाड़ी खिसकने से इस मार्ग इन दोनों रेल गाडियों की आवाजाही बंद की गई थी। हालांकि बरसात के बाद दोनों रेलगाड़ियां बहाल होने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन अब कोपडलाहड़ सुरंग के पास रेल लाइन की के नीचे मिट्टी बह जाने से यह उम्मीद भी समाप्त हो गई है।

7 से 8 किमी पैदल चल कर जा रहे लोग
इन रेलगाड़ीयों के बंद होने से लुनसु व त्रिप्पल रेलवे स्टेशनों से जुड़ी करीब एक दर्जन पंचायतों के ग्रामीण फिर छह से आठ किमी पैदल चल बस की सुविधा प्राप्त करने को मजबूर हो गए है।

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