लो कोरबा में भी मिल गई बेवफा शिक्षिका पत्नी! मजदूरी पति को छोड़ भागी…

कोरबा, 11 जुलाई । जिले में भी एसडीएम ज्योति मौर्या जैसे बेवफाई की कहानी सामने आ रही है आज कोरबा जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे एक मजदूर पति ने अपनी बेवफा पत्नी पर उचित कार्यवाही की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में फरियाद लेकर पहुंचा हुआ था उसने बताया कि मैं शांति कुमार कश्यप, पिता रघुनाथ प्रसाद कश्यप, उम्र लगभग 38 वर्ष, निवासी- हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी बालको नगर तह व जिला कोरबा (छ0ग0) का है, तथा जो कि मेरा विवाह दिनांक 06.05.2011 को शिक्षिका पत्नी उम्र 34. वर्ष के साथ हिंदू रीति रिवाज के साथ सम्पन्न हुआ था जो कि इस दौरान हमारी दोनों के दाम्पत्य जीवन में 2 पुत्री का जन्म हुआ।

यह कि मैं अपनी पत्नी को आगे की पढाई करवाया और शिक्षा कर्मी तृतीय वर्ग में नौकरी भी दौड़ धूप कर मैं अपने परिश्रम से नौकरी भी लगवा दिया, लेकिन उसका 02 वर्षों से किसी गैर पुरुष के साथ संबंध है मैं अपने ससुराल वालों को बताया कि आपकी बेटी गलत रास्ते में जा रही है और बल्कि उसके मायके वाले अपनी बेटी को समझाने के बजाये उसे मेरे प्रति और भड़का दिया और गलत निर्देश दिया गया एवं बढ़ावा तथा सहयोग दिया गया। मेरी पत्नी शिक्षिका को अहकार व लालच में आकर अपने माता-पिता, भाई बहन के अनुसार उसके निर्देश पर चलने लगी। मेरी पत्नी मेरा अंकसूची, आधार कार्ड, जमीन की रजिस्ट्री पेपर व अन्य दस्तावेज व सोना-चांदी व अन्य सामान को भी लेकर चली गयी है। वर्तमान में मेरी पत्नी शिक्षिका जो कि एक शा. प्रा. स्कूल में सहायक शिक्षिका के पद पर पदस्थ है तथा उसका विकासखण्ड कोरबा है।

अब वह जीवित पति के रहते हुए व बिना तलाक हुए गैर पुरुष के साथ शारीकिर संबंध बनाकर 03 (तृतीय) बच्चा प्राप्त कर लिया गया है एवं परिवार परामर्श केन्द्र में झूठा बयान दिया गया, बालको थाना में झूठा एफ. आई. आर. किया गया, जिला सत्र न्यायालय कोरबा में झूठा बयान दिया एवं अपने पति को झूठा आरोप लगाया गया एवं पूरे परिवार एवं समाज में बदनाम किया गया।
निवेदन है कि मेरी पत्नी शिक्षिका होते हुए भी एक महिला रहते हुए भी अपनी मर्यादा का उल्लंघन करते हुए मर्यादा का उल्लंघन कर दिया एवं शासन-प्रशासन को गुमराह और अपने पति को धोखा एवं गुमराह किया है, उक्त परिस्थिति को देखते हुए मेरी पत्नी शिक्षिका के विरुद्ध उचित कार्यवाही करते हुए एवं उसके शासकीय सेवा से बर्खास्त करते हुए मुझे न्याय दिलाने की कृपा करें।