इस सरकारी बैंक में अपनी हिस्सेदारी कम करेगी सरकार, जल्द आ सकता है FPO, बोर्ड से मिली मंजूरी

सरकारी क्षेत्र का बैंक ऑफ इंडिया इस साल सेबी की ओर से तय की गई कम से कम 25 प्रतिशत की पब्लिक शेयरहोल्डिंग की शर्त को पूरा करने के लिए शेयर सेल की संभावना तलाशेगा। मौजूदा समय में भारत सरकार की बैंक ऑफ इंडिया में 81.41 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बैंक ऑफ इंडिया के एमडी रजनीश कर्नाटक ने समाचार एंजसी पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि हम सेबी की न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग को पूरा करने के विकल्पों को तलाश रहे हैं। हालांकि, शेयरों की बिक्री का लक्ष्य बाजार की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। पब्लिक सेक्टर बैंकों के पास सेबी के नियम का पालन करने के लिए अगस्त 2024 तक का समय है।

क्या कहता है सेबी का नियम?
सेबी के नियम के अनुसार, किसी भी पब्लिक लिस्टेड कंपनी में उसके प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है। इस ऐसे पब्लिक सेक्टर बैंक जिनमें सरकार की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से अधिक है, उनमें शेयरों की बिक्री हो सकती है।

दमदार रहेगी क्रेडिट ग्रोथ
उन्होंने आगे कहा कि चालू वित्त वर्ष में रिटेल, एमएसएमई और एग्रीकल्चर लोन की मांग अधिक रहने के कारण क्रेडिट ग्रोथ 11 से 12 प्रतिशत रह सकती है। मार्च 2023 में बैंक का कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो 16.28 प्रतिशत पर है। यह इस वित्त वर्ष की लोन ग्रोथ के लिए काफी है।

कैपिटल जुटाने की बोर्ड से मिली मंजूरी
वित्त वर्ष 2024 में बैंक की 6500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इसमें से बोर्ड ने 4,500 करोड़ रुपये फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर/क्यूआईपी/राइट इश्यू और प्रेफरेंशियल शेयर के जरिए जुटाने की मंजूरी दी है। वहीं, एटी-1 बॉन्ड्स के जरिए 2000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी है।

डिजिटलाइजेशन पर बैंक का फोकस

बैंक का पूरा फोकस CASA और बिना ब्याज की आय को बढ़ाने पर है। साथ ही बैंक डिजिटलाइजेशन और ग्राहकों के अनुभव को अच्छा करने के लिए काम कर रहा है।