बेमेतरा ,08 जुलाई । छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जनता की स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना सहित मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री सार्वभौम पीडीएस और मध्यान्ह भोजन योजना जैसी पांच योजनाएं 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर शुरू की । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कुपोषण मुक्ति की पहल पर मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को तक़रीबन पौने चार वर्ष पूरा हुआ।
इस अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं। बेमेतरा जिले के पूरे क्षेत्र में कुपोषण व एनीमिया को जड़ से समाप्त करने कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इस कार्यकम में जिला प्रशासन और महिला व बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
बेमेतरा ज़िले में मुख्यमंत्री सुपोषण योजाना अन्तर्गत जिले में चिन्हाकित हितग्राहियों जैसे (06 माह से 03 वर्ष के ) कुपोषित, बच्चों, गर्भवती महिलाओं व एनीमिया पीड़ित,कमजोर महिलाओं गर्म पका भोजन जिले में संचालित 1162 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से प्रदाय किया जा रहा है। इनमें कुपोषित 3606 बच्चों को गर्म पोष्टिक खिचड़ी, 4691 गर्भवती महिलाओं व 15 से 49 वर्ष की 4037 एनीमिया पीड़ित.कमजोर महिलाओं को सप्ताह में 06 दिवस गर्म पका भोजन परोसा जा रहा है। जिले में संचालित 1162 आंगनबाड़ी केन्द्रों के ज़रिए यह काम किया जा रहा है। नियमित रूप से निगरानी की जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
ज़िला महिला व बाल विकास अधिकारी बी.डी.पटेल ने बताया कि पिछले अप्रैल और मई माह में 1113 बच्चें कुपोषण से बाहर आये है। वही पूरक पोषण आहार से 6 माह आयु से 6 वर्ष आयु वर्ग के 60292 बच्चोंए 6538 गर्भवती महिलाओं व 6582 शिशुवती माताओं को पोषण आहार से लाभान्वित किया जा रहा है।
अभियान का उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को कम करने व महिलाओंए किशोरी बालिकाओं में एनिमिया को कम करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में कुपोषण को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जारी है। सभी पात्र हितग्राहियों को गुणवत्तापूर्ण गर्म पौष्टिक भोजन सोमवारएबुधवार औऱ शुक्रवार को एवं रेडी टू ईंट दिया जा रहा है। बेमेतरा और विकासखंडों में विभिन्न कार्यक्रमों और स्थानीय कला जत्था के माध्यम से प्रचार.प्रसार कर कुपोषण दूर करने प्रयासरत है और इसमें लगातार सफलता भी मिल रही है।
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