सकारात्मक बदलाव में दुर्ग के दूत बने युवा

दुर्ग ,07 जुलाई  जिला प्रशासन के सहयोग से यूनिसेफ द्वारा युवोदय दुर्ग के दूत कार्यक्रम लोक निर्माण विभाग के सभाकक्ष में आयोजित किया गया। युवोदय दुर्ग के दूत कार्यक्रम समुदाय के द्वारा समुदाय के लोगों के लिए शुरू की गई स्वयंसेवा की एक पहल है। यह स्वयंसेवकों को एएनसी चेकअप, सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य, किशोर किशोरियों का संपूर्ण स्वास्थ्य एवं विकास, पर्यावरण में युवाओं की भागीदारी एवं नेतृत्व और नशामुक्ति जैसे क्षेत्रों के प्रति लोगों को जागरूक करने और जिले में अपनी सेवा देने के अवसर प्रदान करेगा।

कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा सहित सभी अधिकारी एवं युवोदय दुर्ग के दूत के युवा स्वयंसेवकों द्वारा दुर्ग जिले के सर्वांगीण विकास के लिए दुर्ग के दूत कार्यक्रम में अपना संपूर्ण योगदान देने की शपथ ली। कलेक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन स्तर पर हर संभव मदद की जाएगी। आम लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता लाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर नगर निगम कमिश्नर रोहित व्यास, मुख्य कार्यपालन अधिकारी अश्वनी देवांगन, संयुक्त कलेक्टर गोकुल राउटे, यूनिसेफ प्रमुख जॉब जकारिया उपस्थित थे।

आने वाली पीढ़ी को  युवा नेतृत्व के लिए प्रेरित किया जाए, जिससे, हिंसा, नशे, एवं किसी भी मादक पदार्थ के सेवन को समाप्त किया जा सके। मानसिक विषय को चर्चा मे लाना एवं स्वयंसेवा की भावना को बढ़ावा देने से समाज स्वस्थ एवं सुरक्षित व्यवहारों को अपना सकता हैं।

“दुर्ग के दूत” कार्यक्रम क्या है?
जिला प्रशासन दुर्ग एवं यूनिसेफ के तत्वावधान में एवं जनभागीदारी के मूल मंत्र पर आधारित यह कार्यक्रम एएनसी चेकअप, सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य, किशोर किशोरियों का संपूर्ण स्वास्थ्य एवं विकास, पर्यावरण में युवाओं की भागीदारी एवं नेतृत्व, नशीली पदार्थों के रोकथाम हेतु, समाज एवं युवाओं का योगदान जैसे विषयों पर सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन करने जा रही है ।



कौन बन सकता है “दुर्ग के दूत”

किसी भी समाज, वर्ग, जाति, समुदाय, व्यवसाय से आने वाले 15 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति, जो अपनी योग्यता एवं रुचियों के आधार पर इन विषयों में लोगों एवं अपने समाज मे बदलाव लाने को इच्छुक है,  वह सभी इस कार्यक्रम से जुड़ सकते हैं।

इसका कार्यक्षेत्र
गर्भवती महिलाओं को प्रसवपूर्व देखभाल (एएनसी) जांच को बढ़ावा देना, स्वयंसेवक द्वारा गर्भवती महिलाओं या नई माताओं को फॉलो अप कॉउसेलिंग के लिए प्रेरित करना, किसी भी प्रकार के हिंसा को रोकना, विशेषकर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ, समुदाय मे मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, किशोर- किशोरियों को  पोषण, स्वास्थ्य और एनीमिया पर जागरूक करना, बाल विवाह को समाप्त करना एवं कम उम्र की शादी को रोकना,  युवाओं के बीच प्रजनन और यौन स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता को बढ़ाना, पर्यावरण मे युवा नेतृत्व, उनके बीच मिशन लाईफ के व्यवहारों को प्रेरित करना जन-भागीदारी हेतु यूनिवर्सिटी एवं कॉलेज मे ठमींअपवतंस ब्सनइ मेम्बर्स एवं इंटर्न्स को सम्मिलित करना, युवाओं के लिए विचार, नवाचार को रखने के लिए मंच निर्वाण करना, स्कूल और कॉलेज स्तर पर युवाओं के बीच नशे, एवं किसी भी मादक पदार्थ के सेवन को रोकना, व्यवहार परिवर्तन हेतु डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और ऑफ़लाइन ब्रांडिंग का लाभ उठाना।

यूनिसेफ़ का कार्य तकनीकि सहायता प्रदान करना, बीआई (इमींअपवनतंस इन्साइटई संदेशों को डिजाइन करना, ब्रांडिंग और आईइसी क्षमता निर्माण, निगरानी, मूल्यांकन और डाक्यूमेन्टैशन करना यह एक ऐसा मंच है, जो किसी भी धार्मिक, राजनीतिक या किसी भी संस्था से प्रेरित नहीं है । यह जिले के लोगों द्वारा अपने समुदाय के बेहतरी के लिए शुरू की गई पहल है। किसी भी वर्ग, धर्म जाति, समुदाय के किशोर- किशोरी के रूप में अपने गांव, समाज, शहर के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। स्वयं सेवा के लिए किसी प्रकार का मानदेय पैसे इत्यादि नहीं दिया जाएगा। व्यक्ति अपनी इच्छा और निस्वार्थ भाव से कार्य कर सकते हैं।