वर्षा शुरू होते ही पशुपालकों ने मवेशियों को खुले में छोड़ना शुरू कर दिया, सड़क पर मवेशियों का कब्जा

अंबिकापुर, 07 जुलाई । स्वच्छ शहर अंबिकापुर की सड़कों पर इन दिनों मवेशियों का कब्जा है। लगातार समझाइश व सख्ती के बाद भी पशुपालकों की जिद के आगे नगर निगम प्रशासन भी अब शायद हार मान चुका है।वर्षा के दिनों में मवेशियों को रखने अधिकांश पशुपालकों के पास कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण ये मवेशियों को खुला छोड़ दे रहे है।

शहर की शायद ही कोई सड़क हो जहां शाम ढलने के बाद मवेशियों का झुंड नजर नहीं आता हो। स्वच्छ शहर में गंदगी का प्रमुख कारण भी मवेशियां बनती जा रही है। रात को सड़कों, दुकानों के सामने खुले स्थान पर बैठने वाले मवेशी सुबह समूचे परिसर को गंदा कर देते हैं। मवेशियों के कारण हादसे भी हो रहे है। भारी वाहनों की चपेट में आने से मवेशियों की भी जान जा रही है।

हर रोज पशु चिकित्सालय में सड़कों पर घायल होने वाली बेसहारा मवेशियां पहुंच रहे है।मुख्य मार्गों के अलावा गली-मोहल्लों में मवेशियों की धमाचौकड़ी लोगों के लिए बड़ा खतरा है। सड़क पर बैठे गोवंश को पकड़ने की जिम्मेदारी नगर निगम के पास है। इसके लिए वाहन और स्टाफ भी स्वीकृत है। गोवंश को पकड़ने के बाद नगर निगम उन्हें कांजी घर में पहुंचाता है उन्हें भोजन चारा दिया जाता है।

लेकिन निगम द्वारा संचालित कांजी घर में सुविधाएं ही नहीं है। जब अभियान चलता है तो क्षमता से अधिक गोवंश हो जाते है इसलिए नगर निगम भी शांत बैठ जाता है। बेसहारा मवेशियों को शहर की सीमाओं से बाहर छोड़ने की योजना पर अब काम करने की जरूरत है।

पशुपालकों की जिद से बिगड़ रही व्यवस्था, सख्ती की जरूरत

सड़कों पर विचरण करने वाले मवेशियों को पकड़ रखने की समुचित व्यवस्था भी निगम नहीं कर सका है।मठपारा में एक छोटी सी जगह कांजी घर बना दी गई है।यहां एक सौ मवेशियों को रखना भी संभव नहीं होता।घुतरापारा गोठान की स्थिति कागजों में तो बेहतर लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं है।यहां यदि मवेशियों को रखा जाए तो बारिश से बचाने की कोई व्यवस्था ही नहीं है। बारिश के बाद कीचड़ में मवेशियों को रख पाना संभव नहीं होता। पशुपालक भी जिद्दी है। वे दुधारू मवेशियों से दूध निकालने के बाद स्वच्छंद विचरण करने छोड़ देते है।

मवेशियों के झगड़े में आर्थिक नुकसान

मवेशियों के झगड़े में लोगों की न सिर्फ जान खतरे में रहती है बल्कि घायल होकर अस्पताल पहुंचे तो उपचार में बड़ी राशि भी खर्च करनी पड़ती है। पिछले दिनों भट्टीरोड में दो मवेशियों के बीच आपस मे इतना संघर्ष हुआ कि पास में ही खड़ी एक कार और मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त हो गई।एक घर के बाहर खिड़की में लगा कूलर जमीन पर गिर गया।ऐसी घटनाएं अक्सर शहर के किसी न किसी क्षेत्र में प्रतिदिन हो रही है।

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