बेंगलुरु I गोलकीपर गुरप्रीत सिंह के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय फुटबॉल टीम ने सैफ चैंपियनशिप टूर्नामेंट को अपने नाम कर लिया। उसने बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में मंगलवार (चार जुलाई) को कुवैत को पेनल्टी शूटआउट में हराकर लगातार दूसरी और कुल नौवीं बार खिताब जीत लिया। निर्धारित 90 मिनट तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर रहीं। उसके 30 मिनट के एक्स्ट्रा टाइम में भी कोई भी टीम दूसरा गोल नहीं कर सकी। ऐसे में मैच का फैसला पेनल्टी शूटआउट में हुआ। वहां भारत ने 5-4 से बाजी मारी।
भारत इससे पहले 1993, 1997, 1999, 2005, 2009, 2011, 2015 और 2021 में चैंपियन बना था। टूर्नामेंट के 14 साल के इतिहास में भारत नौ बार चैंपियन बना है और चार बार वह उप विजेता रहा। सांसों को थामने वाले रोमांचक पेनल्टी शूटआउट में गुरप्रीत सिंह संधू ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और कुवैत के कप्तान खालिद अल इब्राहिम का आखिरी शॉट रोक दिया।
सडन डेथ में हुआ मैच का फैसला
पेनल्टी शूटआउट में दोनों टीमों को पांच-पांच गोल मारने के मौके मिलते हैं। इसमें चूकने वाली टीम मैच हार जाती है। निर्धारित पांच-पांच शॉट के बाद दोनों टीमें चार-चार की बराबरी पर थीं। भारत के लिए उदांता सिंह और कुवैत के मोहम्मद अब्दुल्ला गोल करने से चूक गए थे। चार-चार की बराबरी के बाद सडन डेथ की बारी आई। इसमें जो टीम गोल करने से चूकती है वह सीधे हार जाती है। उसे दूसरा मौका नहीं मिलता है। सडन डेथ में भारत के लिए नाओरेम महेश सिंह ने गोल किया। वहीं, कुवैत के कप्तान खालिद का शॉट भारत के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह ने रोक दिया। वह टीम इंडिया के हीरो बन गए।
दोनों टीमों ने पहले हाफ में किए गोल
फाइनल की शुरुआत कुवैत ने नियंत्रण के साथ की, जिसका फल उन्हें 16वें मिनट में गोल के रूप में मिला। अब्दुल्ला ने लंबा पास अल फानिनी को दिया, जिन्होंने दाएं छोर पर अलबलूसी की ओर गेंद बढ़ाई उन्होंने अनमार्क्ड अल खालिदी को पास दिया, जिन्होंने गोल करने में कोई गलती नहीं की। इसके बाद भी कुवैत का दबदबा रहा, लेकिन 38वें मिनट में भारत को बराबरी का मौका मिल गया। सुनील छेत्री के पास को साहल अब्दुल समद ने बाएं से दाएं गोल पोस्ट पर चांगटे की ओर बढ़ाया, जिन्होंने इसे गोल में सरका दिया। चांगटे को मंगलवार को अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ की ओर से वर्ष का सर्वश्रेष्ठ फुटबालर चुना गया है।
दूसरे हाफ में हुई जबरदस्त धक्का-मुक्की
पहला हाफ 1-1 की बराबरी पर छूटा, दूसरे हाफ में दोनों ही टीमों की ओर से धक्का मुक्की हुई, जिसका नतीजा यह निकला कि दोनों ही टीमों को रेफरी ने कई पीले कार्ड दिखाए। एक मौके पर तो रेफरी ने कुवैत के दो फुटबालरों और कोच को पीला कार्ड दिखाया। निर्धारित समय की ओर खेल बढऩे के दौरान कुवैत ने अपना दबदबा बढ़ा दिया। उन्होंने एक के बाद एक हमले बोले। उन्हें लगातार फ्री किक भी मिलीं, लेकिन वे फायदे नहीं उठा सके। इंजरी टाइम में अब्दुल्ला को गोल का शानदार मौका मिला। उन्हें सिर्फ गोलकीपर गुरप्रीत संधू को छकाना था, लेकिन उनके बॉक्स में जमीनी शॉट को संधू ने बखूबी रोका। इसके बाद भारत को शानदार मौका मिला, लेकिन साहल की जगह आए उदांता इसका फायदा नहीं उठा पाए। निर्धारित समय पर भी मुकाबला 1-1 की बराबरी रहा।
अतिरिक्त समय में भी नहीं हुआ गोल
अतिरिक्त समय के पहले हाफ में दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर पाईं। दूसरे हाफ में भारत ने दबदबा बनाकर रखा। उदांता को एक बार फिर गोल का शानदार मौका मिला। दाएं छोर से मिले क्रास पर लगाया गया उनका शॉट गोल के ऊपर से निकल गया। अतिरिक्त समय में भी मुकाबला 1-1 की बराबरी रहा और नतीजे के लिए पेनाल्टी शूटआउट का सहारा लेना पड़ा।
खिलाड़ियों ने क्या कहा?
भारतीय कप्तान सुनील छेत्री, ”सिर्फ यह मैच नहीं बल्कि पूरा टूर्नामेंट शानदार रहा। पूरी टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। मैं इससे ज्यादा उनसे कुछ और नहीं मांग नहीं सकता। हम सात-आठ हफ्तों से एक साथ हैं। लगातार दो पेनल्टी शूटआउट में जीतना आसान नहीं होता।”
भारत के स्टार गोलकीपर गुरप्रीत सिंह ने कहा, ”टीम के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। एक गोल से पीछे होने के बावजूद हमने वापसी की। वह समय हमारे लिए सबसे कमजोर था। खिलाड़ी ने इसके बाद शानदार वापसी की। कुवैत की टीम 1-1 की बराबरी के बाद किसी तरह मैच को पेनल्टी शूटआउट में ले जाना चाहती थी। पेनल्टी शूटआउट में सबकुछ किस्मत के हवाले होता है।”
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