भिलाई ,04 जुलाई । रविवार और सोमवार की दरम्यानी आधी रात के बाद दुर्ग के उद्योग विभाग कार्यालय के सामने ह्रदय विदारक घटना हो गया। यहां कार सवार युवा साथी हादसे का शिकार हो गये। एक की मौत हो गई वहीं कुछ लोगों को सेक्टर नौ में भर्ती कराया गया है। जहां दो लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बताया जाता है कि तेज रफ्तार कार यहां एक खड़ी बस से टकराकर के बाद पेड़ से जा भिड़ी। हादसे में कार सवार एक युवक की जहां मौत हो गई वहीं पांच लोग बुरी तरह घायल हो गए।
मृतक युवक की पहचान सेक्टर.7 सडक 23 निवासी मुकेश कुमार सिंह के रूप में हुई है जो कि एक प्राईवेट कंपनी में फायनेंसियल एडवाईजर है। मुतक का अंतिम संस्कार कल पीएम होने के बाद रामनगर मुक्तिधाम में दोपहर 12 बजे के बाद किया जायेगा क्येंकि उनके पिता अवधेश सिंंह किसी कार्य से राउरकेला गये हुए है जो आज आज शाम तक वापस आ जायेंगे। मृतक का एक भाई विकास सिंह पुलिस मुख्यालय में आरक्षक है।
मृतक मुकेश सिंह सेक्टर 7 के छाया पार्षद लल्लन सिंह यादव का साला था और बोल बम महाकाल शिवाय सेवा समिति के संरक्षक व विकास सिंह का सगा छोटा भाई थे। मिली जानकारी के अनुसार यह हादसा रविवार. सोमवार की दरम्यानी रात लगभग 3.15 बजे की बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार पियागो कार क्रमांक सीजी 07 एयू 8234 दुर्घटना का शिकार हो गई। कार में 6 युवक सवार थे। मालवीय नगर चौक के आगे साइंस कॉलेज के समीप एक खड़ी बस से टकराने के बाद कार पेड़ से जा भिड़ी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ड्राइविंग सीट के बगल में बैठे युवक मुकेश कुमार सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक मुकेश के शव को जिला अस्पताल के मरच्यूरी में रखवाया।
वहीं घायलों को पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और वहां उन्हें भिलाई के सेक्टर.9 अस्पताल रेफर किया गया। फिलहाल पुलिस हादसे की जांच कर रही है। छह महीने के भीतर 581 हादसों में 167 लोगों ने गंवाई जान पुलिस के पास मौजूद आंकड़े के अनुसार दुर्ग जिले में बीते 6 माह में 581 सडक़ हादसे हुए। इन हादसों में 167 लोगों की जानें गई। इन्हीं हादसों में 536 लोग घायल भी हुए है। हादसे का मुख्य कारण बिना हेलमेट और तेज रफ्तार वाहन चलाने का है।
हादसे और मौत का यह आंकड़ा इस वर्ष जनवरी से जून के बीच का है। हालांकि सडक़ हादसे पिछले वर्ष के मुकाबले कम है। लेकिन मौत के आकड़े बढ़ते क्रम पर है। वहीं 6 माह में सडक़ दुर्घटना से 536 घायल भी हुए हैं। इतने हादसों के बाद भी लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रहा। चालक अब भी लापरवाहीपूर्वक वाहन चला रहे हैं। बता दें कि सडक़ हादसे का केवल एक कारण नहीं है।
एक दर्जन से अधिक कारण है जिसकी वजह से हादसे होते हैं। इसमें तेज गति और नशे में रहते हुए वाहन चालन प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा कम उम्र में वाहन चलाने के कारण, अनुभव की कमी, प्रशिक्षित नहीं होने और जर्जर मार्ग के कारण भी हादसे होते हैं। साथ ही मानसिक परेशानी, आंखों की कमजोरी, अल्प निद्रा से भी सडक़ हादसे होते हैं।
[metaslider id="347522"]