सहकारिता क्षेत्र में डिजिटलीकरण से पारदर्शिता, जवाबदेही सुनिश्चित हो : बिरला

नई दिल्ली ,03 जुलाई  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सहकारिता को किसानों और मजदूरों के जीवन में खुशहाली का कारक बताया है और डिजिटलीकरण के द्वारा भ्रष्टाचार को मिटा कर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। श्री बिरला ने यहां आयोजित 17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए यह आह्वान किया। उन्होंने कहा,  सहकारिता की भावना हमारे मूल स्वभाव में है, हमारे चिंतन में है, हमारे व्यवहार में है।

सहकारिता का भाव हमारे राष्ट्र-नायकों की सोच में रहा है। हमारा राष्ट्रीय आंदोलन सहकारिता का एक उत्तम उदाहरण है, जिसमें हर वर्ग, हर समुदाय, हर जाति, क्षेत्र और समूह के व्यक्ति ने भागीदारी रही। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस आंदोलन से किसान और मजदूरों के जीवन में एक बड़ा बदलाव आया है। पहले जो 16 फीसदी, 18 फीसदी पर किसान को ऋण लेना पड़ता था, वही आज देश के कई राज्यों में एक से डेढ़ लाख रुपये का ऋण ज़ीरो प्रतिशत ब्याज दर पर सहकारिता के माध्यम से ही मिलना संभव हो पाया है। साथ ही किसानों को सहकारी समितियों से खाद, बीज और उर्वरक सस्ते दर पर मिल पा रहा है।

उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों की स्थापना से देश में एक आमूलचूल परिवर्तन हुआ, जिससे किसानों को गन्ने का उचित दाम मिलने लगा और गन्ना खरीद की एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया तैयार हुई। इस तरह सहकारिता के क्षेत्र ने किसानों के जीवन में एक बड़ा परिवर्तन लाने का काम किया है। मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी, छोटे, लघु, कुटीर उद्योग, महिला स्वयं सहायता समूह, बुनकर सोसाइटीज़, इन सारे सेक्टरों में सहकारिता के माध्यम से बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिला है और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है।