इंदौर । सरकारी आफिसों में जल्द ही झूलाघर खोले जा सकते हैं। इसका मकसद आफिस में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को सवेतनिक मेटरनिटी अवकाश को कम करना बताया जा रहा है। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इंदौर ही नहीं अन्य जिलों के सरकारी दफ्तरों में भी ऐसी ही व्यवस्था की जाएगी।
विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकारी कार्यालयों में प्रति वर्ष 2 से 4 महिला कर्मचारी ऐसी होती हैं, जो प्रसूति अवकाश पर जाती हैं। इस कारण न कार्यालयों का काम तो प्रभावित होता ही है, साथ ही ऑफिस में आने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अवकाश सवैतनिक होने से सरकार को भी आर्थिक नुकसान होता है।
उधर छुट्टी पर जाने वाले कर्मचारी का कार्यभार जिसे सौंपा जाता है, उसके ऊपर अपने कार्य के साथ ही अन्य प्रभार भी होता है, इसलिए ऐसा प्रयोग किया जा रहा है कि शहर के सरकारी कार्यालयों में महिला कर्मचारियों के लिए झूलाघर खोलने की तैयारी की जा रही है। इसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जा चुका है। विभागीय अधिकारियों को आशा है कि शासन इसे मंजूरी दे देगा। इसके बाद योजना को मूर्त रूप दिया जाएगा।
हर विभाग में कार्यरत हैं सैकड़ों महिलाएं
विभागीय जानकारी अनुसार वर्तमान में लगभग हर विभाग में महिलाओं की संख्या अच्छी खासी है। ऐसे में सरकारी विभागों में सैकड़ों की संख्या में महिलाए कार्यरत हैं। अधिकारियों की मानें तो हर वर्ष हर विभाग से 2-4 महिलाएं प्रसूति अवकाश पर जाती हैं। आफिसों में ही झूलाघर बनाए जाने से महिला कर्मचारियों को भी फायदा होगा।