भिलाई ,03 जुलाई । चिन्हारी साहित्य समिति, भिलाई द्वारा आयोजित विमोचन, गोठ बात एवं सम्मान समारोह में इस वर्ष शिक्षाविद् एवं साहित्यकार डॉ. दीनदयाल दिल्लीवार को चिन्हारी सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय चयन समिति द्वारा किया गया है। समिति के संयोजक व प्रख्यात साहित्यकार दुर्गा प्रसाद पारकर ने बताया कि इस वर्ष यह कार्यक्रम 9 जुलाई दोपहर 1 बजे से स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में आयोजित होना है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ.ममता चंद्राकर, कुलपति-इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ होंगी। अध्यक्षता डॉ. भूपेंद्र कुलदीप, कुलसचिव- हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग करेंगे।
विशेष अतिथि कुंवर सिंह निषाद संसदीय सचिव-संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन, डॉक्टर अभिनेश सुराना,अध्यक्ष-हिंदी अध्ययन मंडल हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग, डॉक्टर विद्या चंद्राकर- राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद रायपुर,सी.एल.ठाकुर,प्राचार्य-शासकीय नवीन महाविद्यालय बेलौदी बालोद एवं कोमल प्रसाद दिल्लीवार, समाज सेवक-दिल्लीवार कूर्मि समाज शामिल होंगे।
वक्ता के रूप में डॉक्टर राजेश श्रीवास,अध्यक्ष-हिन्दी अध्ययन मण्डल पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर,डॉक्टर मृदुला सिंह,अध्यक्ष-हिन्दी अध्ययन मण्डल संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय अंबिकापुर सरगुजा, डॉक्टर डी. एस. ठाकुर, अध्यक्ष-हिन्दी अध्ययन मण्डल अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर, डुमन लाल ध्रुव-जन संपर्क अधिकारी जिला पंचायत धमतरी शामिल होंगे।
इस गरिमापूर्ण आयोजन में निर्मला (प्रेमचंद) छत्तीसगढ़ी अनुवाद अनुवादक- दुर्गा प्रसाद पारकर, सरला (दुर्गा प्रसाद पारकर) बहु हाथ के पानी का हिंदी अनुवाद अनुवादक-शैलेंद्र पारकर, राजा के विकास यात्रा (व्यंग्य संग्रह) दुर्गा प्रसाद पारकर द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन होगा। इसके अलावा प्रख्यात रंगकर्मी पूनम विराट राजनांदगांव अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगी। कार्यक्रम का संचालन सीताराम साहू (श्याम) एवं आभार प्रदर्शन डॉ. हंसा शुक्ला व्यक्त करेंगे। साहित्य साधना में लीन हैं डॉ. दिल्लीवार इस वर्ष चिन्हारी सम्मान से विभूषित होने जा रहे शिक्षाविद् एवं साहित्यकार डॉ. दीनदयाल दिल्लीवार वर्तमान में सहायक प्राध्यापक, हिंदी के पद पर शासकीय नवीन महाविद्यालय बेलौदी, बालोद में पदस्थ हैं।
वह छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. तेजराम दिल्लीवार के सुपुत्र है। उनके द्वारा रचित कहानी, कविता, व्यंग्य, लघुकथा, समीक्षात्मक लेख-आलेख प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है। अभी तक इनकी 75 रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है। डॉ. दीनदयाल दिल्लीवार हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग में पी.एच.डी. शोध निर्देशक के तौर पर शोधार्थियों को मार्गदर्शन दे रहे हैं।
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