करौली। देवउठनी एकादशी से लगभग 5 महीने पहले हर साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी मनाई जाती है, जो इस साल आज यानी 29 जून मनाई जा रही है। साल की सभी एकादशीयों में देवशयनी एकादशी अपना एक विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि इस दिन से भगवान विष्णु 5 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इसके बाद भगवान विष्णु सीधे 5 महीनों के बाद ही जागते हैं। यही वजह है कि देवशयनी एकादशी से हिंदू धर्म में पूर्णता 5 महीनों तक शुभ व मांगलिक कार्यों पर पूर्णता विराम लग जाता है।
कर्मकांड ज्योतिषी व भागवताचार्य मनीष उपाध्याय का कहना है कि सभी एकादशी में निर्जला, देवउठनी और देवशयनी एकादशी का अधिक महत्व है। देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। जिसके बाद नारायण सीधे देवउठनी एकादशी के दिन भी जागते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल चातुर्मास 29 जून यानी देवशयनी एकादशी से प्रारंभ होने जा रहा है। जिसके चलते आज से हिंदू धर्म में सभी मांगलिक कार्य होने बंद हो जाएंगे।
5 माह तक रहेगा चातुर्मास
ज्योतिषी के मुताबिक 29 जून से शुरू होने वाला चातुर्मास इस साल 5 महीने तक रहने वाला है। उन्होंने बताया कि हर साल चातुर्मास 4 महीने का होता है। लेकिन इस साल दो बार सावन होने की वजह से भगवान का विश्राम काल बढ़ गया है।
श्रीहरि की पूजा रहेगी फलदाई
पंडित मनीष उपाध्याय बताते हैं कि देवशयनी एकादशी से श्री हरि विश्राम के लिए क्षीर सागर में चले जाते हैं। ऐसे में जो भी इस दिन भगवान विष्णु की सच्चे मन से आराधना करता हैं तो उसे कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
[metaslider id="347522"]