दुर्ग ,28 जून । दुर्ग नागपुर हाईवे पर बने दुर्ग बाइपास टोल प्लाजा में मंगलवार शाम कांग्रेस नेताओं और स्थानीय लोगों ने मिलकर जमकर तोड़फोड़ की।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी मांग है कि स्थानीय लोगों और सीजी 07 पासिंग गाड़ियों से टोल न लिया जाए। इसी बात को लेकर उन्होंने ये प्रदर्शन और तोड़फोड़ की है। जब टोल प्लाजा प्रबंधन उनकी बात मानने के लिए राजी हुआ तब जाकर प्रदर्शनकारी शांत हुए।
प्रदर्शन कांग्रेस के भिलाई जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर के आह्वान पर किया गया। उन्होंने इसके लिए पहले से योजना तय कर इसकी सूचना अपने साथियों सहित जिला और पुलिस प्रशासन को दी थी।
सूचना मिलते ही मंगलवार शाम 5 बजे से लोग टोल प्लाजा के पास कार्यकर्ता इकट्ठा होने लगे। शाम 5.30 बजे तक हजारों की संख्या में कांग्रेसी नेता सहित अन्य लोग पहुंच गए। वे शांति पूर्वक प्रदर्शन कर ही रहे थे, तभी टोल प्लाजा के अधिकारी ने यह कह दिया कि उनका प्रदर्शन गलत है, वो लोग नियम के मुताबिक टोल वसूल रहे हैं।
इतना सुनते ही प्रदर्शनकारी भड़क गए। इसके बाद उन्होंने प्लाजा में तोड़फोड़ शुरू कर दी। टोल प्लाजा का डिस्प्ले, सीसीटीवी कैमरा, टोल वसूली काउंटर, फायर सेफ्टी इक्यूपमेंट सहित गमले और अन्य सामान तोड़ दिए। इसके बाद जब टोल प्रबंधन ने उनकी बात मानने की हामी भरी तो करीब 3 घंटे बाद प्रदर्शन बंद हुआ। तब तक रायपुर-नागपुर नेशनल हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।
टोल प्लाजा मैनेजर ने दुर्ग कलेक्टर को बताया जिम्मेदार
दुर्ग बाईपास टोल प्लाजा के मैनेजर एच करुणाकर ने बताया कि कांग्रेसियों ने लोकल गाड़ियों को फ्री करने का पत्र दिया था। उस पत्र को उन्होंने कलेक्टर के पास भेजा था। कलेक्टर ने देर शाम तक जवाब नहीं दिया। इससे हम कोई निर्णय नहीं ले पाए और प्रदर्शनकारी भड़क गए। उन्होंने प्लाजा में तोड़फोड़ की। टोल कंपनी ने सीजी 07 को फिलहाल के लिए फ्री करने का निर्णय लिया है।
जिलाध्यक्ष ने तोड़फोड़ की जिम्मेदारी लेने से किया इनकार
जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर ने टोल प्लाजा में कांग्रेसियों द्वारा तोड़फोड़ के दावे को गलत बताया है। उनका कहना है कि कांग्रेसी शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना जानते हैं। राष्ट्रीय क्षति को नुकसान वो कभी नहीं पहुंचा सकते हैं। टोल प्लाजा में तोड़फोड़ कांग्रेसियों ने नहीं बल्कि स्थानीय लोगों ने गुस्से में आकर की है। जबकि तोड़फोड़ के जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, उसमें कांग्रेसी नेता और पार्षद खुलेआम तोड़फोड़ करते दिखाई दे रहे हैं।
एक हफ्ते पहले मुकेश चंद्राकर से हुआ था टोल में विवाद
टोल फ्री मुद्दे को लेकर आंदोलन की रूपरेखा आज से एक हफ्ते पहले उस समय बनी थी, जब कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर राजनांदगांव की तरफ से दुर्ग आ रहे थे। इसी दौरान टोल में उनकी गाड़ी को बिना टोल के नहीं जाने दिया गया। इसे लेकर टोल कर्मचारियों का उनसे विवाद हो गया था। उसी समय उन्होंने यह तय किया था कि अब स्थानीय लोगों और सीजी 07 पासिंग गाड़ियों से टोल लेना बंद कराने को लेकर आंदोलन किया जाएगा।
ठाकुरटोला टोल प्लाजा में राजनांदगांव की गाड़ियों का है टोल फ्री
दुर्ग विधायक अरुण वोरा का कहना है कि दुर्ग बाइपास और ठाकुरटोला टोल प्लाजा दोनों नागपुर हाईवे में हैं। राजनांदगांव जिले की सीमा में होने से ठाकुरटोला टोल प्लाजा में राजनांदगांव की गाड़ियों से टोल नहीं लिया जाता है। जबकि वहीं दुर्ग के टोल प्लाजा में दुर्ग की गाड़ियों से टोल लिया जा रहा है। ये कहां की गाइडलाइन और नियम है। उन्होंने कहा ये टोल प्रबंधन की मनमानी है, इस पर केंद्र सरकार को लगाम लगाना चाहिए।
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