Vedant Samachar

बेटे के CBSE बोर्ड परीक्षा में आए कम नंबर, अफसर पिता ने दी ऐसे बधाई, हर तरफ हो रही चर्चा…

Vedant samachar
5 Min Read

मंगलवार को सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा का परिणाम घोषित हुआ। दोनों कक्षाओं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। कक्षा 12वीं में 88.39 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए। वहीं कक्षा 10वीं में 93.66 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। हर माता पिता का सपना होता है कि उसका बच्चा अच्छे नंबरों से परीक्षा उत्तीर्ण करे। हालांकि सभी बच्चों के ऐसे नंबर नहीं आ पाते। ऐसे में माता पिता को भी निराशा होती है। लेकिन इस बीच यूपी के अलीगढ़ के बीएसए की एक पोस्ट वायरल हो रही है। दरअसल अलीगए़ बीएसए के बेटे के इंडरमीडिएट में 60% मार्क्स से पास हुआ लेकिन पिता ने इस पर भी खुशी जाहिर की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उन्होंने एक लंबी-चौड़ी पोस्ट लिख डाली। इस पोस्ट पर यूजर्स ने खुशी जाहिर की।

पापा ने दी बधाई तो बेटा बोला नाराज नहीं हो क्या:
बीएसए राकेश सिंह ने अपनी पोस्ट में बताया, ‘मेरे बेटे ऋषि ने 60% के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है। बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं बेटा। जैसे ही मैंने अपने बच्चे को बधाई दिया उसने पूछा पापा आप नाराज तो नहीं हैं। इतने कम नंबर आए हैं। मैंने उसे बताया कि नहीं मैं नाराज नहीं बल्कि आज उतना खुश हूं, जितना मैं कभी अपने सेलेक्शन पर भी नहीं हुआ होगा क्योंकि तुम्हारे तो 60% नंबर है। मेरा स्नातक में 52% ही नंबर था। हाई स्कूल में 60% था इंटर में 75% नंबर था। जिन बच्चों के नंबर कम आए हैं या उत्तीर्ण नहीं हो सके हैं उनको निराश होने की, उनके माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है।’

कहीं से भी कर सकते हैं जिंदगी की शुरुआत:
आगे उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘हम जिंदगी की शुरुआत कहीं से कभी भी कर सकते हैं। जब मैंने इंटर कर लिया और स्नातक का एंट्रेंस टेस्ट देने गया था, तब मुझे अकबर-बीरबल, बाबर, राज्यपाल और बैडमिंटन जैसे सवाल नहीं आते थे। मैंने एंट्रेंस टेस्ट में इनसे संबंधित सारे सवालों को गलत किया था फिर भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मेरा प्रवेश हुआ। जिस लड़के को इतिहास का एबीसीडी न पता हो, उसने लोक सेवा आयोग में 2000 इतिहास में 80% नंबर हासिल किया। मैंने करके दिखाया। यह मेरी एक ज़िद थी। हम जिंदगी में कहीं से कभी भी अच्छी शुरुआत कर सकते हैं। मैं अभिभावकों से एक अपील करूंगा। यदि आप सफल नहीं हो पाए हैं तो कोई बात नहीं। ये सही बात है कि आपको अपने बच्चे से बहुत सारे सपने पालक रखें होंगे, बच्चों के माध्यम से आपको अपने सपने पूरे करने हैं लेकिन उसके लिए बच्चों को मज़बूर नहीं करना चाहिए।’

बच्चों को सपोर्ट करना चाहिए:
अलीगढ़ बीएसए ने लिखा, ‘मैंने 2000 की लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पीईएस संवर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। मैंने एक बार ठाना तो फिर करके दिखाया पीछे मुड़कर नही देखा। यह टैलेंट सभी बच्चे में होता है। बस आप उसको कितना प्रोत्साहन दे पाते हैं। उसके स्वास्थ्य का कितना ध्यान रख पाते हैं, ये बहुत जरूरी है। जिंदगी ज्ञान की नहीं, धैर्य की परीक्षा है। बच्चों को सपोर्ट करना चाहिए। उनका साथ देना चाहिए और जब से बच्चा शुरुआत कर लेगा वो कुछ भी कर सकता है।’

यूजर्स ने किए ऐसे कमेंट्स:
बीएसए राकेश सिंह की पोस्ट की कई यूजर्स ने रिएक्शन दिए। यूजर रितु मिश्रा ने लिखा, ‘आज पहली बार किसी पैरेंट्स को ऐसा करते देख रहे है, जब पैरेंट्स ऐसा करते है तो यकीनन बच्चा जीवन में अच्छा जरूर करता है।’ एक अन्य यूजर वीर पाल ने लिखा, ‘बहुत ही सराहनीय पोस्ट। हमारे समाज में आजकल नंबर लाने के लिए रेस लगी हुई है। माता-पिता अपने बच्चों को मूल्यांकन उनके द्वारा प्राप्त नंबरों से करते हैं। आपका धन्यवाद और आभार। कम ही ऐसी सोच वाले।’ एक यूजर वेद प्रकाश शुक्ला ने लिखा, ‘पहली बार किसी पिता को अपने बच्चे को सार्वजनिक रूप से प्रोत्साहन करते देखा है।’

Share This Article