36 साल के निखिल कामथ भारत के सबसे प्रतिभाशाली निवेशकों में से एक हैं। हाल में उन्हें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में अपने तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में चुना हैं। दरअसल फाइनेंस और बिजनेस की दुनिया में निखिल की उल्लेखनीय उपलब्धियों के कारण इंडस्ट्री के दिग्गजों, मुकेश अंबानी और आनंद महिंद्रा के साथ उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ चर्चा में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया।
ऐसा कर के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के भविष्य को आकार देने में युवाओं, इनोनेशन और उद्यमशीलता की भावना के महत्व को पहचाना है। व्हाइट हाउस में स्टेट डिनर और हाई लेवल बैठकों के दौरान निखिल की मौजूदगी वैश्विक मंच पर उनके बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है। भारत-अमेरिका संबंधों के संबंध में बहस में शामिल होने से उनकी खासियत और विजन और भारत के आर्थिक परिदृश्य में उनके अहम योगदान की एक्नॉलेजमेंट को दर्शाती है।
ऐसे में जब निखिल से स्टेट डिनर में इनवाइट किए गए सबसे कम उम्र के व्यक्ति होने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने साझा किया, “शायद यह, यह दिखाने के लिए है कि सरकार युवाओं, नई, युवा पीढ़ी के उद्यमियों का समर्थन करना चाहती है और यह उत्साहित करने वाली बात है और मैंने वास्तव में इस अनुभव को संजोकर रखा है। जिन लोगों से मैं मिला हूं उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा है।”
अब जैसा कि भारत एंटरप्रेन्योरशिप और इनोवेशन के कल्चर को बढ़ावा दे रहा है, हाई-लेवल प्रतिनिधिमंडलों में निखिल कामथ जैसे युवा और गतिशील व्यक्तियों को शामिल करना इस बात का सकेंत है कि देश में मौजूद विशाल प्रतिभा और क्षमता को पहचानने और उसके इंस्तेमाल करने की दिशा में बदलाव हो रहा है।
निखिल कामथ ने केवल 36 साल की उम्र में पहले ही 2023 के लिए फोर्ब्स बिलियनेयर्स लिस्ट में जगह बना ली हैं और उन्हें 2022 की सेल्फ-मेड रिच लिस्ट में मान्यता दी गई हैं। 34 साल की उम्र में भारत का सबसे कम उम्र का अरबपति बनना भी बेहद असाधारण हैं। निखिल कामथ को अक्सर भारत के ‘सबसे प्रतिभाशाली निवेशक’ के रूप में संदर्भित किया जाता हैं। यही नहीं उन्होंने इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटी के प्रति गहरी नजर और फाइनेंशियल मार्केट की अनोखी समझ का प्रदर्शन किया हैं।
बता दें, एक मिडिल क्लास फैमिली से आने वाले निखिल कामथ की कहानी स्कूल छोड़ने से लेकर भारत के सबसे कम उम्र के अरबपति बनने तक, कई महत्वाकांक्षी उद्यमियों के लिए प्रेरणा है। उनकी कहानी दृढ़ता, आत्म-विश्वास और अवसरों का लाभ उठाने के महत्व पर जोर देती है। कामथ की उपलब्धियां उस क्षमता के प्रमाण के रूप में काम करती हैं जो हर व्यक्ति के भीतर छुपी है, फिर चाहे उनका एजुकेशनल बैकग्राउंड कुछ भी क्यों न हो।
हाल ही में निखिल ‘द गिविंग प्लेज’ का हिस्सा बनने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय भी बनें, जो दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों और परिवारों द्वारा अपनी संपत्ति का ज्यादातर हिस्सा चैरिटेबल कॉज के लिए समर्पित करने का वादा करते है। निखिल कामथ न केवल इस साल इस अभियान में एकमात्र भारतीय हैं, बल्कि इतिहास में ‘द गिविंग प्लेज’ का हिस्सा बनने और अपने देश, भारत में चैरिटेबल कॉज में योगदान देने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय भी हैं।
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