यौन उत्पीडन अधिनियम विषय पर चलाया गया विधिक जागरूकता कार्यक्रम

बलौदाबाजार , 22 जून  बलौदाबाजार नगर में स्थित सेक्रेट हार्ट स्कूल में यौन उत्पीडन अधिनियम विषय पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम को आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश बलौदाबाजार  विजय कुमार एक्का, प्रधान न्यायाधीश  सुमन एक्का परिवार न्यायालय द्वारा जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित स्कूल की प्राचार्या सिस्टर शेरीन थॉमस एवं अन्य शिक्षकगण को यौन उत्पीडन अधिनियम विषय पर विधिकसलाह दिया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुमन एक्का ने बताया कि भारत में सर्वप्रथम यौन उत्पीडन अधिनियम की शुरूवात भांवरी बाई विरूद्ध राजस्थान केस से हुआ। साथ ही कार्यस्थल में महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न भेदभाव का एक गंभीर रूप है, और इसे बरदाश्त नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह काम में समानता का अवमूल्यन है, और काम करने वालो की इज्ज़त, गरिमा और सलामती के खिलाफ है। 

यौन उत्पीड़न के बाद उसके शिकार व्यक्ति पर बहुत गहरा नकारात्मक असर पड़ता है। उसे मानसिक पीड़ा, शारीरिक पीड़ा का सामना करना पडता हैं। कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन की शिकायत के निवारण के लिए आतंरिक शिकायत समिति का गठन किया गया है, जिसमें महिलाएं अध्यक्ष एवं सदस्य होती है। उक्त समिति में महिलाएं यौन उत्पीड़न का शिकायत दर्ज करा सकती है। इस दौरान जिला न्यायाधीश विजय कुमार एक्का ने बताया कि विधिक जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकगण को बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों,पॉक्सो एक्ट, बाल सुरक्षा (संरक्षण) अधिनियम की जानकारी दी।

साथ ही एक्का ने बताया कि बच्चों की मानसिक एवं बौद्धिक विकास परिवार और विद्यालय में सकारात्मक शिक्षण के द्वारा ही संभव है। मां शिशु की सबसे पहली गुरू होती है, तथा विद्यालय ऐसा शिक्षण संस्थान होता है, जहां बच्चों को साकारात्मक आकृती में ढाला जा सकता है। बच्चों में समानता एवं सहयोग की भावना उत्पन्न हो जिससे असामाजिक प्रवृत्तियों को दूर की जा सके। उक्त जागरूकता कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक गण एवं छात्रगण उपस्थित थे।