500 एकड़ में लगेंगे पौधे, केलो नदी के 50 एकड़ तट में होगा पौधरोपण

रायगढ़ ,21 जून  इस मानसून जिले में वृहत पौधारोपण की तैयारी चल रही है। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा की पहल से पौधारोपण महाभियान में जिले में 500 एकड़ में पौधे लगाए जायेंगे। पौधरोपण के साथ उसके सुरक्षा पर भी जोर रहेगा, जिससे ये पौधे जड़ें जमाएं, बढ़े और पेड़ बने। महाभियान से जुड़े सभी विभागों की एक संयुक्त कार्ययोजना बनाई गई है। वन तथा उद्यानिकी विभाग ने पौधे तैयार किए हैं। इस महाभियान में करीब 3.79 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए मनरेगा एवं डी.एम.एफ. मद से पौधारोपण का कार्य किये जाने हेतु परियोजनायें तैयार की गई है। नदी तटों, नहर किनारे, ब्लॉक प्लांटेशन, सड़क किनारे वृक्षारोपण, अमृत सरोवरों के किनारे पौधारोपण आदि कार्य विभिन्न एजेंसियों एवं सी.एल.एफ. समूहों के माध्यम से की जायेगी।



इस पौधारोपण महाभियान में इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है कि प्लांटेशन के बाद पौधों के जीवित रहने के लिए पानी और सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था हो। जिसके लिए डीएमएफ और मनरेगा से प्रावधान किए जा रहे हैं। पानी के लिए बोर और सुरक्षा के लिए फेंसिंग और ट्री गार्ड का प्रबंध किया जा रहा है। मनरेगा से लेबर कार्य स्वीकृत किया गया है। पौधों के 3 साल तक देखरेख का इंतजाम किया जा रहा है, ताकि पौधे मिट्टी में अच्छे से जड़े जमा सकें और विकसित होकर पेड़ बने।



500 एकड़ भूमि में लगेंगे 3.79 लाख पौधे
वृहत पौधारोपण परियोजना के अंतर्गत आगामी मानसून सत्र में वृहत रूप से फलदार एवं छायादार पौधों का रोपण किया जायेगा। इस हेतु जिले में 500 एकड़ भूमि चिन्हांकित की गयी है। उक्त भूमि में लगभग 3.79 लाख पौधों का रोपण किया जायेगा। यह वृहत पौधारोपण कार्य शासन के विभिन्न विभागों जैसे-उद्यान विभाग, रेशम एवं वन विभाग के द्वारा सम्मिलित रूप से किया जायेगा। रेशम विभाग द्वारा 3 लाख 7 हजार 500 अर्जुन पौधे, वनविभाग के दोनों वनमंडलों द्वारा करीब 42 हजार मिश्रित पौधों और उद्यान विभाग द्वारा साढ़े छ हजार फलदार पौधों का रोपण कर मिश्रित फलोद्यान तैयार किया जाएगा। जिसमें प्रमुख रूप से आम, कटहल, नींबू, अमरूद जैसे पौधे लगाए जायेंगे।



50 एकड़ नदी तट पर होगा पौधरोपण
पौधारोपण महाभियान के तहत नदी तट का कटाव रोकने तटीय क्षेत्र में लगभग 50 एकड़ में सघन पौधरोपण किया जाएगा। शासन की योजना के साथ अन्य मदों और एजेंसियों के माध्यम से यह कार्य किया जाएगा। इसमें नदीतट संरक्षण वृक्षमाला योजना के तहत रायगढ़ जिले में 13 एकड़ की भूमि पर सघन पौधारोपण का कार्य किया जायेगा। इसके साथ ही उद्यानिकी व अन्य एजेंसी के माध्यम से भी नदी तट के किनारे पौधे लगाए जायेंगे। इस योजना का उद्देश्य नदी तट के कटाव को रोकना, नदी की धारा का 12 माह प्रवाह बनाये रखना एवं धारा प्रवाह से मृदा जल तालिका को पुनर्जीवित करना है, जिससे क्षेत्र में हरियाली बढ़े।



पौधों की सुरक्षा पर है जोर, 3 साल तक करेंगे देखभाल
कलेक्टर सिन्हा के निर्देश पर पौधों की सुरक्षा पर विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। जहां बड़े क्षेत्र में प्लांटेशन हो रहा है उन स्थानों पर सुरक्षा घेरे के लिए फेंसिंग और पानी के लिए बोर की व्यवस्था की गई है। सिंगल प्लांटेशन के लिए ट्री गार्ड लगाया जाएगा। इसके लिए डीएमएफ और मनरेगा से प्रावधान किए जा रहे हैं।जिससे पौधों को लगाने के साथ अगले 3 साल तक उनको जीवित रखने की समुचित व्यवस्था हो। माना जाता है कि 3 साल तक पौधों की अगर अच्छे से देखरेख की जाए है तो पेड़ की जड़ें मिट्टी में अपनी पकड़ अच्छे से गहराई तक बना लेती हैं और आगे पेड़ के रूप में विकसित होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]