गजब! दोपहर 12.16 बजे ‘परछाई’ ने भी छोड़ दिया साथ…साल का सबसे बड़ा दिन

योगा दिवस के दिन दोपहर में लोग उस समय अवाक रह गए, जब दोपहर में धूप में खड़े होने के बावजूद उनकी परछाई नहीं दिख रही थी। कुछ समय के लिए ऐसा लगा मानो साया साथ छोड़कर चला गया हो! दरअसल खगोलीय घटना के तहत भूमध्य रेखा पर बसे धरती के 17 देश के बड़े हिस्से में साल का सबसे बड़ा दिन था। सूर्य की किरणे लंबबत पड़ने के कारण परछाई सिमटकर पैर के नीचे पहुंच गई थी। यह स्थिति महज कुछ मिनट के बनी थी। इधर बुधवार-गुरूवार को साल की सबसे छोटी रात महज 10.76 घंटे की रहेगी।

दुनिया के 17 देश, भारत के 8 राज्यों और मप्र के 14 जिलों में दोपहर में सवा 12 बजे वह समय आया जब इंसान की परछाई भी साथ छोड़ गई। खुले आसमान के नीचे धूप में खड़े होने पर साया साथ नजर नहीं आ रहा था। दरअसल धरती पर उत्तरी गोलार्थ में बुधवार 21 जून 2023 को साल सबसे बड़ा दिन है, जबकि रात साल में सबसे छोड़ी रहेगी। यह खगोलीय घटना साल में सिर्फ दो बार सामने आती है।

डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगोलवेत्ता प्रो. आरपी मिश्रा ने बताया कि बुधवार को खगोलीय घटना के चलते धरती के उत्तरी गोलार्ध के 17 देशों में साल का दिन सबसे लंबा 13 घंटे 24 मिनट का और रात सबसे छोटी 10 घंटे 36 मिनट की होगी। दिन लंबा होने से प्रकृति अर्थात वृक्ष भी ज्याद आॅक्सीजन देंगे। प्रो. मिश्रा के अनुसार इस दौरान पृथ्वी के बीचों-बीच स्थित भूमध्य रेखा के उत्तर में 23 डिग्री 30′ अक्षांश पर स्थित विश्व के 17 देशों और भारत के 8 राज्यों सहित मध्यप्रदेश के 14 जिलों से होकर गुजरने वाली कर्क रेखा के ठीक ऊपर सूर्य की किरणें सीधी पड़ेंगी। इस कारण उत्तरी गोलार्ध में दिन की अवधि सबसे अधिक लंबी और रात की अवधि सबसे कम होगी। इसी दिन मप्र के सागर में भी दाेपहर 12:16 बजे परछाई गायब हाे जाएगी। इसे जीरो शैडो डे कहा जाता है। सूर्य के दक्षिणायन होने का आभास होना भी इसी दिन से प्रारंभ होगा

मप्र के इन 14 जिलों में दोपहर में नहीं दिखी परछाई

मध्‍यप्रदेश के सागर, दमोह, भोपाल, विदिशा, रतलाम, उज्‍जैन, आगर, राजगढ़, सीहोर, रायसेन, जबलपुर, कटनी उमरिया, शहडोल जिले कर्क रेखा के निकट बसे हैं। जब सूर्य की किरणें दोपहर में धरती पर सीधी पड़ी तो एमपी के इन 14 जिलों में परछाई दिखना बंद हो गई थी। यही नजारा कर्क रेखा मौजूद भारत के गुजरात, राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश, छत्‍तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम में भी देखने को मिला।