भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. जिसके देशभर में 8500 से ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं. जहां से दिन रात सैकड़ों ट्रेनें गुजरती हैं. यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशन हों या ट्रेन जीआरपी के जवान दिन रात लगे रहते हैं. आज हम आपको अपने ही देश के एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे 42 सालों तक बंद रखा गया. क्योंकि इस स्टेशन को भूतिया माना जाता है. डर का आलम ये है कि इस स्टेशन पर आज भी लोग शाम होने के बाद जाने से कतराते हैं. यही नहीं इस स्टेशन से जब भी ट्रेन गुजरती है तो यात्री खिड़कियां बंद कर लेते हैं. देश का सबसे भूतिया रेलवे स्टेशन शाम साढ़े पांच बजे के बाद सूनसान हो जाता है और लोग यहां रुकने से भी डरते हैं.
पश्चिम बंगाल में है ये रेलवे स्टेशन
दरअसल, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक रेलवे स्टेशन मौजूद है. इस रेलवे स्टेशन को भूतिया माना जाता है. पुरुलिया जिले में स्थिति बेगुनकोदर को भारत का सबसे भूतिया रेलवे स्टेशन माना जाता है. जिसे करीब 42 साल तक इस डर के कारण बंद रखा गया. इस स्टेशन के पीछे की एक कहानी है जो बेहद हैरान कर देने वाली है. स्थानीय लोग कहते हैं कि इस स्टेशन पर एक लड़की का भूत रहते हैं. जो शाम होते ही यहां आ जाता है इसलिए लोग शाम के बाद यहां जाना उचित नहीं समझते. और जाने के नाम पर ही कांपने लगते हैं. बता दें कि बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन 1960 में शुरू किया गया था, लेकिन 7 साल बाद ही इसे बंद करना पड़ा. साल 2007 में इस स्टेशन को फिर से शुरू किया गया. लेकिन आज भी लोगों इसे भूतिया रेलवे स्टेशन ही मानते हैं.
बता दें कि ये स्टेशन वीरान जगह पर है. यहां आसपास काफी डरावनी इमारते हैं इस स्टेशन पर कोई प्लेटफार्म भी नहीं है. कोलकाता से करीब 260 किलोमीटर दूर इस भूतिया स्टेशन पर केवल एक टिकट काउंटर है. ऐसा कहा जाता है कि संथाल जनजाति की रानी लाखन कुमारी ने इस स्टेशन को शुरू करवाया था. शुरु में तो सब कुछ ठीक था लेकिन कुछ सालों बाद यहां अजीबोगरीब घटनाएं होने लगीं.
ऐसा कहा जाता है कि इस स्टेशन पर एक ट्रेन दुर्घटना में एक लड़की की मौत हो गई थी, जिसके बाद 1967 में बेगुनकोदर के एक रेलवे कर्मचारी ने यहां एक महिला का भूत देखने का दावा किया. लोगों का कहना है कि इस स्टेशन पर एक लड़की को सफेद कपड़े पहने देखा जाता है.
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