रायगढ़ ,20 जून । जिले में जल संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है, बारिश के करोड़ों लीटर पानी को सहेजने जिले में 170 तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया है। जिसमें से 105 तालाब अमृत सरोवर, 55 तालाब सीएसआर और 10 तालाबों का डीएमएफ व दूसरे मदों से जीर्णोद्धार किया गया है। जिससे हर साल बारिश का करोड़ों लीटर पानी सहेजा जा सकेगा।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में जल संरक्षण की दिशा में बारिश के पानी को सहेजने जिले के अलग-अलग तालाबों के साफ -सफाई और गहरीकरण का काम भी किया जा रहा है। अमृत सरोवर की खुदाई मनरेगा से की गई, वहीं जिले के विभिन्न उद्योगों को सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत अलग-अलग तालाबों को संवारने का जिम्मा दिया गया। डीएमएफ से भी राशि जारी की गई है। तालाबों में में जमी गाद और कचरे को साफ किया गया है। जिससे तालाब की गहराई और क्षेत्रफल बढ़ा है। गहराई में भी 3 से 6 फीट की वृद्धि हुई है। जिससे एक तालाब में ही बारिश का लगभग 1 करोड़ लीटर तक ज्यादा पानी संचित हो सकेगा।
तालाब हमारे आस-पास जन जीवन का अभिन्न अंग है। यह न केवल गांवों में विभिन्न जरूरतों के लिए जल उपलब्ध कराते हैं बल्कि ग्रामीण जन जीवन और अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महती भूमिका निभाते हैं। आज जब गर्मी की चपेट में आकर जल स्त्रोतों के सूखने को घटनाएं सामने आती रहती हैं। ऐसे समय में रायगढ़ जिले में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में यह एक बेहद महत्वपूर्ण पहल है। इसके अंतर्गत गांवों में ऐसे तालाब जिनका अस्तित्व सिमटता जा रहा था उन्हें सहेजने की ओर कदम बढ़ाए गए हैं। किसी गांव के तालाब की साफ-सफाई और गहरीकरण से वहां की कई जरूरतें एक साथ पूरी होती हैं। भू-जल स्तर में सुधार होता है। निस्तारी के साथ ग्रामवासियों और पशुपालकों को रोजमर्रा की जरूरत के लिए पानी मिलता है। मछली पालन और दूसरी आर्थिक गतिविधियों की संभावनाएं बढ़ती हैं।
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