रेशम विभाग ने वन भूमि में किया साजा, अर्जूना टसर का पौधरोपण

जशपुर ,18 जून  रेशम उत्पादन एक ग्रामीण कृषि आधारित उद्योग है जो कि विश्व स्तर पर अपनाया जा रहा है। इससे बहुत ही अधिक मांग में रहा प्राकृतिक रेशम जो कि वस्त्रों की रानी भी कहलाता है। यह ग्रामीण कृषकों के लिए उत्तम है और निर्धनों को पर्याप्त आय व रोजगार का अवसर प्रदान करता है। जिससे कम समय में अधिक रोजगार और आकर्षक आय प्राप्त होती है। रेशम कीट पालन ने बांधा है कमाई की डोर।

विकासखंड फरसाबहार पीपीसी केन्द्र सिंगी बिहार  में 72 हेक्टेयर वन भूमि में  रेशम विभाग द्वारा साजा, अर्जूना टसर खाद्य पौधरोपण कराया गया है। ग्राम के 20 हितग्राही टसर कीट पालन कर अपना आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे है। ग्राम उपर कछार के हितग्राहियों द्वारा कीट पालन कर अच्छा उत्पादन किया जा रहा है सीएसबी मधुपुर जिला देवघर झारखंड द्वारा यहाँ के कीटपालक हितग्राहियों को अच्छे स्व.डिम्ब समूह प्रदाय किया जाता है जिससे यहाँ के हितग्राहियों द्वारा अच्छा उत्पादन कर आमदनी अच्छा प्राप्त कर रहे है।

रेशम विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि यहां समूह में पांच-पांच के सदस्यों का ग्रुप है जो विगत कई वर्षों से कीट पालन कर रहे है यहाँ का कोसा फल निर्धारित मूल्य में विक्रय होता है।वर्ष 2022-23 कोसा उत्पादन तिलेश्वर राम पिता श्री रूदन राम द्वारा प्रथम फसल में 21885 नग कोसाफल का उत्पादन किया जिसकी राशि लगभग 32499 रुपये है । द्वितीय फसल में 19410 नग कोसा उत्पादन किया जिसकी राशि 37811 रुपये आय अर्जित किये इस प्रकार प्रति व्यक्ति का वार्षिक आय लगभग 70310 रुपये हुआ है ।पीपीसी केन्द्र सिंगीबहार के सेल्फ हेल्फ ग्रुप के माध्यम से हितग्राहियों को कोसाफल की राशि चेक द्वारा भुगतान किया जाता है।

यहां के हितग्राहियों के द्वारा कोसाफल उत्पादन कर अच्छा आय अर्जित किया जा रहा है कोसाफल उत्पादन कर यहाँ के हितग्राहियों को आर्थिक लाभ मिल रहा है एवं सामजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु वनांचल में बसे गरीब स्तर परिवार के लिये  अन्य कई योजनाओं से जोड़कर लाभांवित किया जा रहा है, तथा जिले के सहायक संचालक श्याम कुमार के द्वारा आर्थिक स्थिति से कमजोर परिवारों को इस योजना से जोडने का अथक प्रयास किया जा रहा है तथा ग्रामोद्योग संचालनालय (रेशम प्रभाग) के योगदान से कई योजना लागू कर लोगों की गरीबी दूर किया जा रहा है ।

श्याम कुमार सहायक संचालक रेशम के द्वारा बताया गया कि शासन की इस योजना से लोगों को जोड़कर उनके आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा रहा है, निश्चित तौर पर आने वाले समय में वनांचल में बसे गरीब परिवार अपने सपनो को सकार करगें तथा समाज में अपना एक अलग पहचान होगा।