विराग मुनि के 154 उपवास पूर्ण, मंगलकामना के लिए दादागुरुदेव की बड़ी पूजा 18 को

रायपुर ,17 जून । जिनकुशल सूरि जैन दादाबाड़ी भैरव सोसायटी में अमावस्या पर 18 जून को दादागुरुदेव की बड़ी पूजा कर जैन संत विराग मुनि के अभिग्रह पूर्वक जारी 154 उपवास व बालाघाट की ओर पद विहार की सुखशाता की मंगलकामना की जाएगी। उक्ताशय की जानकारी सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष सन्तोष बैद व महासचिव महेन्द्र कोचर ने दी।

विराग मुनि द्वारा आत्मकल्याण सह विश्वकल्याण की भावना से अभिग्रह पूर्वक 15 जनवरी से लगातार जैन उपवास जारी है। विराग मुनि ने अपने गुरु विनयकुशल मुनि की अनुमति व आशीर्वाद से 17 जून को 154 वां उपवास पूर्ण हुआ है। महेन्द्र कोचर ने बताया कि जैन धर्म के वर्तमान शासनपति भगवान महावीर स्वामी ने भी अपने साधना काल में अभिग्रह युक्त 5 माह 25 दिन का उपवास किया था और परमात्मा का पारणा चंदनबाला के हाथों हुआ था। जैन संत विराग मुनि को खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभ सूरीश्वर के आशीर्वाद से तप चक्रवर्ती की उपाधि रायपुर श्रीसंघ द्वारा प्रदान की गई। सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट ने उपाधि की अनुमोदना कर जयजयकार की। विराग मुनि की उपवास की साधना अभिग्रह पूर्वक जारी है।



अध्यक्ष संतोष बैद ने बताया कि दादागुरुदेव की बड़ी पूजा में जैन संत विराग मुनि के 154 उपवास की सुखशाता व पद विहार हेतु मंगलकामना करने श्रद्धालु भाग लेंगे। चारों दादागुरुदेव से सकल जैन समाज श्रीसंघ ने प्रार्थना कर शीघ्र अभिग्रह पूर्ण होने की अरदास होगी। अमावस्या को दादागुरुदेव की बड़ी पूजा के लाभार्थी जयचंद रमेश , मोहन चंद बच्छावत , दिनेश कुमार जैन , बसंत जितेन्द्र नाहर , नीलमचंद डॉ अंशुल बरड़िया , वर्तिका वर्धमान वैभव चोपड़ा , गुमान चंद कांतिलाल झाबक , संतोष सरला बैद परिवार हैं।