BIG BREAKING : प्लास्टिक की थैली में पैककर नवजात को कचरे पर फेंका, रोने की आवाज सुन दूत बनकर पहुंचे लॉज के छात्र….

‘जाको राखो साईयां मार सके ना कोय’ की कहावत एक बार फिर चरितार्थ हुई। हजारीबाग में होटल के समीप कचरे के ढेर में एक नवजात प्लास्टिक की थैली में बंद मिली। गनीमत रही कि छात्रों ने बच्ची को रोते सुन लिया। जिससे उसकी जान बच गई। जानकारी के अनुसार, शहरी क्षेत्र के मटवारी स्थित एक होटल के समीप रहनेवाले लॉज के छात्रों ने शुक्रवार की रात करीब साढ़े 10 से 11 के बीच बच्ची की रोने की आवाज सुनी। इतनी रात को रोने की आवाज सुनकर लड़के घबरा गए लेकिन उन्होंने हिम्मत कर कचरे के पास जाने की ठानी।

छात्र मौके पर पहुंचे तो एक पॉलीथीन से रोने की आवाज आ रही थी। उन्होंने हिम्मत कर जब थैली को खोला तो उनके होश उड़ गए। उसमें दो दिन की नवजात बंद थी। छात्रों ने आनन-फानन में इसकी सूचना कोर्रा थाना की पुलिस को दी गई। नवजात के फेंके जाने की सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। 

इलाज के दौरान मौजूद रहे थाना प्रभारी

थाना प्रभारी उत्तम तिवारी ने कचरे के ढेर से बच्ची को उठाया और बिना कोई देर किए अस्पताल ले गए। मासूम को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब तक नवजात का इलाज होता रहा, थानाप्रभारी अस्पताल में मौजूद रहे। डॉक्टरों ने बच्ची की हालत समान्य बताई, इसके बाद थाना प्रभारी ने अपने एक जवान को नवजात की जिम्मेवारी सौंप लौट गए। इधर, पुलिसकर्मी और छात्रों के मानवीय संवेदना की सभी तारीफ कर रहे हैं।