- फिल्म : आदिपुरुष
- कास्ट : प्रभास, सैफ अली खान, कृति सेनन, देवदत्त नागे, सनी सिंह
- डायरेक्टर : ओम राउत
- रिलीज़: सिनेमाघर
- रेटिंग : ***
Adipurush Review And Rating: आदिपुरुष यानी भगवान विष्णु. कहा जाता है लंबे समय तक स्वयं भगवान विष्णु भी इस बात से अनजान थे कि वो ही इस ब्रह्माण्ड के ‘आदिपुरुष’ है. विष्णु के राम अवतार की कहानी फिल्म आदिपुरुष के माध्यम से दुनिया को बयां होने जा रही है. प्रभास की ये फिल्म सिर्फ पैन इंडिया ही नहीं बल्कि वर्ल्डवाइड रिलीज हुई है. अगर इस वीकेंड आप ये फिल्म देखना चाहते हैं, तो पहले पढ़े फिल्म आदिपुरुष का रिव्यू.
डिस्क्लेमर के साथ शुरू हुई फिल्म, कहा अपमान का कोई इरादा नहीं है. कहानी शुरू होती है राम सिया राम गाने से. इस गाने में ही चित्रों के माध्यम से विष्णु के राम जन्म से लेकर सीता का स्वयंवर और राम के वनवास की कहानी बयां की गई है. गाना खत्म होते ही नजर आता है रावण, जो बर्फीले चट्टानों के बीच तपस्या कर रहा है. मांगने पर भी अमरता का वरदान न देने वाले ब्रह्मा रावण से प्रसन्न होकर उसे ये वरदान दे देते हैं कि देव या दानव के हाथों तुम्हारी मृत्यु नहीं होगी. भगवान ब्रह्मा की चतुराई से अनजान रावण वरदान मिलते ही उन्मत दैत्य में परिवर्तित हो जाता है.
अपने महल से दूर राघव (प्रभास) और (शेष) के साथ रहने वाली जानकी को अचानक एहसास होता है कि उसके आस पास खतरा मंडरा रहा है, जब वो अपने दिल की बेचैनी लक्ष्मण से साझा करती हैं, तो बड़े आत्मविश्वास के साथ उनपर हमला करने वाले असुरों की टोली को देख वो अपनी भाभी को विश्वास दिलाता है कि ये तो सब पतंगे हैं और भाई ज्वाला.
आखिरकार पर्दे पर राघव के दर्शन हो जाते हैं, पानी के नीचे ध्या न लगाकर बैठे रघुनंदन को उनपर आए हुए संकट का एहसास हो जाता है. हालांकि हजारों असुरों को धूल चटाने वाले राघव शूर्पणखा के बिछाए जाल में फंस जाते हैं. राम की न सुनकर जानकी पर हमला करने वाली रावण की बहन अपना कटा हुआ नाक लेकर सीधे शिव की आराधना में लीन हुए रावण के पास पहुंच जाती है. अपनी बहन की बातों में आकर रावण सीता का हरण करता है. कैसे रावण के घमंड को तोड़कर रघुनंदन सीता को अपने संग लेकर आए ये दिलचस्प कहानी आप बड़े पर्दे पर देखना चाहते हैं तो आपको फिल्म आदिपुरुष देखने के लिए थिएटर का रुख करना होगा.
राइटिंग और डायरेक्शन
रामायण जैसा महाकाव्य 3 घंटे में बड़े पर्दे पर पेश करना अपने आप में ही बड़ी चुनौती थी, लेकिन फिल्म के राइटर मनोज मुंतशिर और डायरेक्टर ओम राउत ने बड़ी शिद्दत से ये जिम्मेदारी पूरी करने की कोशिश की है. अगर आप टीवी पर दिखाए गए रामायण को अपने दिमाग में लेकर ये फिल्म देखेंगे तो आप इस कहानी से बिल्कुल जुड़ नहीं पाएंगे. क्योंकि ये आज की रामायण है, जिसे आज के युवाओं की पसंद को नज़र में रखकर बनाने की कोशिश की गई है. इसे सिर्फ इंडियन नहीं बल्कि फॉरेन ऑडियंस भी दिलचस्पी से देख सकती है. लेकिन फिल्म के कुछ डायलॉग खासकर हनुमान जी की भाषा थोड़ी अटपटी सी लगती है. ‘कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का.. जलेगी भी तेरे बाप की’ जैसे डायलॉग सुनकर ऑडियंस को जरूर सदमा लग सकता है. फिल्म की शुरुआत धीमी जरूर है, लेकिन 15 मिनट के बाद फिल्म तेज रफ्तार से आगे बढ़ती है. सालों से इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे प्रभास के फैंस को ओम राउत ने एक अच्छा विजुअल ट्रीट दिया है. राघव और रावण के कुछ डायलॉग्स काफी प्रभावशाली लगते हैं.
एक्टिंग
इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में बहुत कम एक्टर्स भगवान राम जैसा पौराणिक किरदार आसानी से और दृढ़ विश्वास के साथ निभा सकते हैं और प्रभास उनमें से एक हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम के किरदार के साथ प्रभास ने ये साबित कर दिया है कि आदिपुरुष का किरदार उनके लिए ही बनाया गया था. बाहुबली के बाद फिर एक बार इस पैन-इंडिया स्टार अपने करिश्मे, बॉडी लैंग्वेज और एक्टिंग से सबको हैरान कर दिया है.
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एक्शन, वीएफएक्स सिनेमेटोग्राफी
आदिपुरुष के एक्शन सीन्स कमाल के हैं. वीएफएक्स के माधयम से राम पर असुरों का हमला, अपने प्राण की बाजी लगाते हुए जटायु का रावण के साथ लड़ना, सुग्रीव और बालि के बीच का आमना-सामना, हनुमान द्वारा लंका में आग लगा देना जैसे कई एक्शन सीन को बड़ी ही चतुराई से ऑडियंस के सामने पेश किया गया है. राम और रावण का युद्ध इस फिल्म का हाई पॉइंट है और इसे देखने आई हुई ऑडियंस को ओम राउत निराश नहीं करते. तीर चलाने का राम का अंदाज हो या फिर एक योद्धा का लड़ने का अपना स्टाइल, फिल्म में हर एक बात की डिटेलिंग का ध्यान रखा गया है.
म्यूज़िक
अजय-अतुल के गाने और मनोज मुंतशिर के लिरिक्स फिल्म में चार चांद लगा देते हैं. बैकग्राउंड स्कोर भी फिल्म को और असरदार बनाने में मदद करता है.
क्यों पसंद आएगी ये फिल्म
ओम राउत की आदिपुरुष नए जमाने की रामायण है, जो कहानी के मूल को कायम रखते हुए एक ऐसी फिल्म लोगों के सामने पेश करती है, जिससे मार्वल और डीसी की फिल्में देखने वाली जेनजी और बच्चे आसानी से कनेक्ट कर सकते हैं. अगर आप प्रभास के फैन हैं तो आपके लिए ये फिल्म मस्ट वॉच है. शानदार वीएफएक्स के साथ बड़े पर्दे पर आदिपुरुष देखना मनोरंजक होगा.
क्या है खामियां
आदिपुरुष में दो तरह की हिंदी का इस्तेमाल हुआ है. एक तरफ शुद्ध संस्कृत से प्रेरित हिंदी और दूसरी तरफ आज की हिंदी. इसे सही किया जा सकता था. रावण का रथ की जगह चमगादड़ पर बैठकर सीताहरण करना भी खटकता है. पुराने रामायण के चाहने वालों के लिए ये फिल्म हर कदम पर गलत लग सकती है. ये कहानी हमने बचपन से सुनी है, जिसकी शुरुआत से लेकर अंत हमें पता है, यही वजह है कि इसमें नयापन लाने के लिए मेकर्स को स्ट्रगल करना पड़ा है और ये बदलाव हजम करना कुछ लोगों के लिए मुश्किल होगा. इसलिए वो इस फिल्म को स्किप कर सकते हैं.
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