त्रिस्तरीय पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए एक नया अध्याय साबित होगा सक्षम अभियान : डाॅ आशुतोष

बैकुण्ठपुर ,15 जून  भारत गांवों का देश है और इसकी सही मायनों में तरक्की तभी संभव है जब गांव अपने आप में सक्षम एवं आर्थिक तौर पर पूरी तरह से स्वावलंबी हों। इस दिशा में पहल करते हुए देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत यानी कुल तीन स्तरों पर पंचायती राज व्यवस्था का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत अभी भी सबसे बड़ी आवश्यकता पंचायती राज के आर्थिक स्वावलंबन की है। यह लंबे समय से अपेक्षित है कि ग्राम पंचायत हों, जनपद पंचायत हों या फिर जिला पंचायतें हो उनके आर्थिक स्रोत इतने मजबूत हों कि संस्थाएं स्वयं के विकास को गति दे सकें। इसके लिए जरूरी है कि पंचायती राज संस्थाओं के पास अच्छी आय के स्रोत हों और उनसे एक सुनिष्चित रकम पंचायत को प्राप्त होती रहे ताकि उनके आर्थिक जरूरतों की पूर्ति समय पर हो।

पंचायती राज अधिनियम में इस तरह के कई प्रावधान बनाए गए हैं कि संस्थाएं अपने आय के स्रोत को मजबूती प्रदान करें और स्वयं पर उनका व्यय उनकी ही आय से नियोजित किया जाए। इस व्यवस्था को नई शुरुआत देकर जिला पंचायत कोरिया से एक नई पहल प्रारंभ की गई है। इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि हम सक्षम अभियान लागू करने जा रहे हैं इसका मूल उद्देश्य ग्राम पंचायतों से लेकर जनपद और जिला पंचायत तक त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को आर्थिक तौर पर मजबूत करना होगा। इसके लिए जिला पंचायत स्तर पर एक समिति का गठन कर उप संचालक पंचायत को उसका अध्यक्ष बनाया गया है। इस समिति में जिला पंचायत में पदस्थ लेखाधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अनुविभागीय अधिकारी, जिला अंकेक्षण अधिकारी और जिला पंचायत के अधीक्षक को बतौर सदस्य षामिल किया गया है।



जिला पंचायत सीइओ डाॅ आषुतोष ने सक्षम अभियान के बारे में बताया कि कोरिया जिला पंचायत स्तर पर गठित समिति को आगामी एक पखवाड़े में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के आय के स्रोतों और उनके आय की गणना पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देष दिए गए हैं। साथ ही यह जिला स्तरीय समिति आगामी दिनों में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत द्वारा अर्जित किए जाने वाले सभी आय के साधनों पर समीक्षा कर संस्थाओं के समेकित व्यय का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जिला स्तरीय समिति नवीन आय के साधन तैयार करने पर एक कार्ययोजना भी प्रस्तुत करेगी और समस्त पंचायतों के स्तर पर लंबित वसूली और उनके संबंधित प्रकरणों के निराकरण पर भी कार्ययोजना बनाकर कार्य करेगी। सक्षम अभियान के बारे में डाॅ आशुतोष ने बताया कि हमारा लक्ष्य सभी ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों को और साथ ही जिला पंचायत को भी स्वयं के आय से चलने वाला पंचायती राज संस्थान बनाना है। इस दिषा में यह नई पहल प्रारंभ की जा रही है। एक पखवाड़े बाद समिति की अनुषंसाओं के आधार पर आगे की कार्यवाही संपादित कराई जाएगी।