रायगढ़ , 15 जून । सात साल पहले हुए रायगढ़ नगर निगम में घोटाले का जिन्न अचानक बाहर आ गया। पुलिस ने मंगलवार को पूर्व आयुक्त प्रमोद शुक्ला सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया और मुचलके पर छोड़ दिया। जिनको अग्रिम जमानत हासिल थी उन्हें मुचलके पर छोड़ा गया।
2016 में तत्कालीन विधायक स्व.रोशन लाल अग्रवाल ने कलेक्टर सहित नगरीय प्रशासन विभाग को रायगढ़ नगर निगम में हो रही धांधली की शिकायत की थी। जिसमें कंटेनर घोटाला, सीमेंट पोल की खरीदी, पाईप खरीदी, वाहन सामग्री, क्लोरीन, बारबेड वायर एवं सफाई सामग्री की खरीदी में गड़बड़ी की बात कही गई थी।
भवन विभाग, राजस्व विभाग समेत कई विभागों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे। तब एडिशनल कलेक्टर को टीम बनाकर जांच के आदेश दिए गए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर कोतवाली में सात अलग-अलग अपराध दर्ज किए गए थे, जिसमें धारा 409, 420, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम भी लगाया गया था।
आरोपियों में तत्कालीन आयुक्त प्रमोद शुक्ला, अनिल कुमार वैद्य, प्रभा टोप्पो, सत्यनारायण अगरिया, दिनेश कुमार शर्मा, हरिकेश्वर लकड़ा, प्रतुल कुमार श्रीवास्तव, अनिल कुमार बाजपेयी, गंगादीन सारथी, अशोक कुमार कुंभकार, त्रिलोक चंद्र शर्मा और अलजीत कुजूर हैं।
वहीं भ्रष्टाचार के मामले में 20 हजार पन्नों का चालान पेश किया गया। इस मामले में जिला प्रशासन ने एक संयुक्त जांच टीम बनाकर जांच की थी। रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने विवेचना के दौरान जांच रिपोर्ट के साथ दस्तावेजों की सत्यापित प्रतियां प्रस्तुत की हैं।
इस वजह से सातों अपराधों की चार्जशीट 20 हजार पन्नों की हो गई। अपराध दर्ज होने के बाद सभी आरोपी कई महीनों तक फरार हो गए थे। कुछ आरोपियों ने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत के साथ स्टे ले लिया था। स्टे हटने के बाद कोतवाली पुलिस ने सभी आरोपियों को प्रक्रिया के तहत गिरफ्तारी की। इसके बाद उन्हें जमानत मुचलके पर रिहा किया गया।
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