रायपुर । रायपुर नगर निगम ने झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों पर बंगलों जैसा टैक्स लगाया है। हजारों का टैक्स देखकर यहां के लोग हैरान हैं। गरीब लोगों को 10 से 20 हजार रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स भेजा गया है। झोपड़ियों में भी डिजिटल नंबर प्लेट लगाने के बाद इसका खुलासा हुआ है।
इधर महापौर एजाज ढेबर ने कहा, जल्द इसका समाधान निकाला जाएगा। मामला चंद्रशेखर आजाद वार्ड के बृज नगर का है।
इस इलाके में रहने वाली अहिल्या मानिकपुरी की झोपड़ी में न तो दरवाजा है और न ऐसी छत की पूरी तरह बारिश से बचा जा सके। लेकिन उन्हें 9 हजार रूपए का टैक्स भेजा गया है। जो अहिल्या की तीन महीने की सैलरी के बराबर है। अहिल्या ने बताया कि उसको महीने भर मजदूरी करने के बाद 3 हजार रुपए मिलते हैं। ऐसे में घर-परिवार की जिम्मेदारी के बाद टैक्स की रकम भरने की चिंता सता रही है।
उनका कहना है कि नगर निगम ने झोपड़ियों में भी डिजिटल नंबर प्लेट लगा दिया है। नया नंबर प्लेट लगने के बाद जब टैक्स की जानकारी उन्होंने ली तब रकम देखकर सबके होश उड़ गए। क्योंकि इतना टैक्स चुकाना उनके बस में नहीं है।
यहां रहने वाली अनिता साहू और अफरोज की भी यही कहानी है। टीन के घर में रहकर गुजारा करने वाली अफरोज कहती हैं कि एक बार में इतना पैसा जमा करना उनके बस में नहीं है।
इलाके में छोटी सी दुकान चलाने वाले मनोज सोनी के घर का टैक्स भी 16 हजार रूपए बताया जा रहा है। इलाके में सुविधाओं के नाम पर नाली,पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं है। लेकिन इतना भारी-भरकम टैक्स देना इन गरीब परिवारों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
इस इलाके में रहने वाले कई परिवार हैं। जिनके घरों में 20 हजार रूपए तक का टैक्स भेजा गया है। स्थानीय लोगों कहना है कि टैक्स देने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन एक साथ इतना टैक्स जमा कर पाना संभव नहीं है।
कम से कम इतनी रियायत मिलनी चाहिए कि थोड़ा-थोड़ा करके वे टैक्स जमा कर सकें। इसके अलावा बुनियादी सुविधाओं की भी दरकार है।
स्थानीय लोगों का ये भी कहना है कि डिजिटल नंबर लगने के बाद ही पहली बार टैक्स जमा करने को कहा गया है। इससे पहले उन्होंने खुद यहां का टैक्स लेने की अपील की थे लेकिन निगम अधिकारियों ने रिकॉर्ड में नहीं होने की वजह से उनसे टैक्स नहीं वसूला। और अब एक साथ इतनी रकम जमा कर पाना उनके लिए संभव नहीं है।
इस पूरे मामले पर रायपुर महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि डिजिटल नंबर प्लेट लगने के बाद की गलती है या फिर पिछला टैक्स ये सारी चीजें निगम अधिकारियों द्वारा चेक की जाएगी। ढेबर ने कहा कि अधिकारियों को वार्ड में भेजकर इसका समाधान निकाला जाएगा।
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