टीम इंडिया के धुरंधर बल्लेबाज शिखर धवन और उनकी पत्नी आयशा के बीच तलाक का केस चल रहा है. दोनों के बीच यह केस 2021 से चल रहा है. जबकि धवन और आयशा 2020 से ही अलग रह रहे हैं. धवन ने अपने बेटे जोरावर से भी अगस्त 2020 के बाद से मुलाकात नहीं की है.
मगर अब धवन के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. पटियाला हाउस कोर्ट ने आयशा से कहा है कि वो अपने 9 साल के बच्चे को धवन और उनके परिवार के साथ मुलाकात कराने के लिए भारत लेकर आएं.
‘बच्चे पर अकेले मां का हक नहीं है’
बता दें कि इन दिनों आयशा अपने बेटे के साथ ऑस्ट्रेलिया में रह रही हैं. कोर्ट ने बच्चे की धवन के परिवार से मुलाकात पर आयशा के ऐतराज पर नाराजगी भी जताई. कोर्ट ने कहा कि अगस्त 2020 के बाद से शिखर धवन का परिवार बच्चे से नहीं मिला है. बच्चे पर अकेले मां का हक नहीं होता. अगर शिखर धवन अभी तक अच्छे पिता साबित हुए हैं तो फिर वो बच्चे की परिवार से मुलाकात पर एतराज क्यों कर रही हैं.
वैसे भी शिखर धवन परमानेंट कस्टडी नहीं मांग रहे. वो सिर्फ अपने बच्चे को देखना और मिलकर मुलाकात करना चाहते हैं. कोर्ट ने आयशा धवन को निर्देश दिया है कि वो धवन परिवार के साथ मुलाकात कराने के लिए बच्चे को खुद साथ लेकर भारत आए या फिर किसी विश्वस्त आदमी के जरिए भारत भेजे.
करीब एक हफ्ते परिवार के साथ रहेगा बच्चा
28 जून को 10 बजे बच्चे की कस्टडी दिल्ली में धवन परिवार को सौंप दी जाए. अगर आयशा के लिए किसी वजह से ये संभव नहीं हो पाता है तो वो इस आदेश के 72 घंटे में अपनी असमर्थता जाहिर कर सकती हैं.
ऐसी सूरत में शिखर धवन ऑस्ट्रेलिया से बच्चे को लेकर आएंगे और आयशा को बच्चे की भारत यात्रा के लिए वीजा या जरूरी क्लीयरेंस हासिल करने की जिम्मेदारी होगी. इंतजाम इस तरह से किया जाए कि बच्चा 27 जून को भारत आ जाए और 4 जुलाई को वापस ऑस्ट्रेलिया भेज दिया जाए. यात्रा का सारा खर्चा शिखर धवन वहन करेंगे.
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