बेंगलुरु । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में मानव को भेजने के गगनयान मिशन में जल्दबाजी नहीं करने का फैसला किया है। इसरो सुनिश्चित करना चाहता है कि देश की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान सुरक्षित हो और इसमें पूर्ण सफलता मिले।
गगनयान को 2022 में लॉन्च किया जाना था लेकिन कोरोना के कारण इसमें देरी हुई। अंतरिक्षयान मिशन संचालन (एसएमओपीएस-2023) पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने गुरुवार को कहा, हमारी सोच अब अलग है। हम जल्दबाजी नहीं करना चाहते। मानव अंतरिक्ष उड़ान का प्राथमिक उद्देश्य पूर्ण सफलता प्राप्त करना है। यदि बिना किसी गड़बड़ी के सभी परीक्षण सफलतापूर्वक हो जाते हैं, तो प्रक्षेपण 2024 और 2025 की समय सीमा के बीच होगा। लेकिन अगर कोई समस्या आती है तो मिशन में देरी हो सकती है।
सौर मिशन के लॉन्च की तारीख
भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 के बारे में सोमनाथ ने कहा कि अगर हम इसे अगस्त में लॉन्च नहीं कर पाए तो अगले साल जनवरी में इसे लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान-3 के बारे में उन्होंने कहा कि इसे जुलाई के मध्य में प्रक्षेपित किया जाना है।
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