मिला मृत पौधों का ढेर, पौधरोपण में जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही उजागर

रायगढ़। मनरेगा योजना के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इस योजना से ग्रामीण मजदूर बड़ी संख्या में लाभान्वित हो रहे हैं, लेकिन कई कार्यो के क्रियान्वयन को लेकर जमीनी स्तर की हकीकत न केवल चौंकाने वाली हैं बल्कि निराशाजनक भी हैं।

एक ओर इस योजना के तहत कराए जा रहे या कराए गए विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, वहीं कुछ जिम्मेदारों की लापरवाही बरतने और निजी लाभ के उद्देश्य से किए जा रहे कारनामों के कारण कथित विकास मानो कागजों पर सिमट कर रह गया है।         

हाल ही में बीते 5 जून को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हुए विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। जगह जगह पौधे रोपे गए। ठीक इसी बीच जिले के धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत छाल में मनरेगा योजना के तहत कराए गए पौधरोपण कार्य में गंभीर अनियमितता बरते जाने का मामला सामने आया है।

जिसमें ग्राम पंचायत छाल के जिला प्रशिक्षण केंद्र परिसर में पौधरोपण व उसके संरक्षण के लिए करीब पांच लाख रुपए से अधिक की राशि खर्च कर दी गई, लेकिन मौके पर लगे कुछ अशोक के पौधों को खर्च किए गए 5 लाख रुपए की उपयोगिता का पैमाना बताकर जिम्मेदार अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। 

अब इस मामले में एक और हैरतअंगेज खुलासा हुआ है।  जहां लाखों खर्च कर सैकड़ों पौधों को लगाए जाने का दावा किया जा रहा है, वहां पर विभिन्न प्रजातियों के मरे हुए पौधे कूड़े के ढेर की तरह मिले हैं। छाल के जिला प्रशिक्षण केंद्र भवन के परिसर में बिना रोपे ही पौधों के कई ढेर पड़े हुए मिले हैं, जो अनदेखी और लापरवाही के कारण मृत हो चुके हैं।

यह अस्वाभाविक है कि जिस स्थान पर लाखों रुपए खर्च कर पौधरोपण का दावा रोजगार सहायक कर रहे हैं, वहां पर सैकड़ों बिना रोपे हुए पौधे अपने जीवन की आस लगाए कूड़े के ढेर में तब्दील हो गए और जिम्मेदार विकास का ढिंढोरा पीटते रहे। वहीं रोजगार सहायक के द्वारा वहां लगे अशोक प्रजाति के करीब दर्जन भर  से कम पौधों को इस कार्य का हिस्सा बताया गया।

अन्य पौधे नहीं लगे होने के सवाल पर रोजगार सहायक ने मवेशियों के सर पर ठीकरा फोड़ते हुए उन्हें इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया तो छाल के जिस जिला प्रशिक्षण भवन परिसर में लाखों ख़र्च कर पौधरोपण कराया गया है, जिसमें रोजगार सहायक 5 लाख रुपए से अशोक के कुछेक पौधों को संरक्षित करने का दावा करते हैं, अब उसी जगह पर सैकड़ों पौधे गमले सहित मृत अवस्था में पड़े मिले हैं।

यह स्थिति एक बड़ी गड़बड़ी की ओर इशारा करती है और निष्पक्ष जांच की मांग भी। इसके अलावा इस मामले में जिस तरह की अन्य अनियमितताएं बरती गई हैं, इस पूरे मामले पर हमने मनरेगा योजना के कार्यक्रम अधिकारी एके सोनकर से संबंधित तस्वीरों को साझा कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया।

जिस पर उन्होंने कहा कि वे जल्द ही कार्यस्थल पर जाकर निरीक्षण करेंगे और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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