पेंड्री में मनरेगा से निर्मित अमृत सरोवर बनेगा जल संरक्षण की मिसाल

तालाब के पानी का ग्रामीण करेंगे उपयोग, महिलाओं को आजीविका गतिविधि से जोड़ेंगे

जांजगीर चांपा । जल ही जीवन है और इसके बिना कुछ भी संभव नहीं है। आज जिस जल का संरक्षण करेंगे वह वर्तमान के साथ ही भविष्य में भी उपयोग आएगा, इसलिए जल संरक्षण एवं संचय बहुत जरुरी है, और इस जल संरक्षण एवं संचय का बेहतर कार्य आजादी का अमृत महोत्सव की 75 वीं वर्षगांठ मानते हुए पामगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत पेंड्री में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से अमृत सरोवर का निर्माण कराकर किया गया है। अमृत सरोवर से बारिश का पानी संरक्षित होगा जो आगामी दिनों में गांव के लोगों को नियमित रूप से सहारा बनेगा और इससे समूह को जोड़ते हुए रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा।



जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. ज्योति पटेल ने बताया कि कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशन में जिले में जल संरक्षण एवं संचय की दिशा में कार्य किया जा रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत महात्मा गांधी नरेगा से अमृत सरोवर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इससे गांव के लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और उन्हें रोजगार प्राप्त होगा। इसी तातम्य में जिला पंचायत जांजगीर चांपा से 31 किलोमीटर एवं जनपद पंचायत पामगढ़ से 8 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत पेंड्री में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से अमृत सरोवर का निर्माण कराया गया है, जिसे ग्रामीण चार तालाब के नाम से जानते है। अमृत सरोवर (चार तालाब) के लिए 19.98 लाख रुपए की स्वीकृत दी गई। इस राशि से नया तालाब खुदाई के साथ ही इनलेट जिससे बारिश के समय पानी को आसानी से तालाब के अंदर पहुंचाया जा सकेगा, वहीं आउटलेट के निर्माण होने से तालाब ओवरफ्लो पानी निकाला जा सकेगा। इस तालाब में महात्मा गांधी नरेगा के 280 जॉबकार्डधारी परिवारों ने मिलकर 7 हजार 910 मानव दिवस सृजित करते हुए रोजगार प्राप्त किया और उन्हें बाहर कमाने-खाने, पलायन करने मजबूर नहीं होना पड़ा। कार्यक्रम अधिकारी सौरभ शुक्ला, तकनीकी सहायक हिमांशु गुप्ता एवं रोजगार सहायक की सतत देखरेख में तालाब निर्माण का कार्य हुआ है। तकनीकी सहायक हिमांश गुप्ता ने बताया कि अमृत सरोवर में 10 हजार 110 क्यूबिक मीटर पानी संरक्षित होगा। अमृत सरोवर का निर्माण होने के बाद कच्ची नाली बनाकर नहर से तालाब तक जोड़ा गया। नहर में पानी आने के बाद अमृत सरोवर चार तालाब को भर दिया गया, जिससे गर्मी के दिनों में ग्रामीणों को भरपूर पानी निस्तारी के लिए मिल गया। एक ओर तालाब का पानी का उपयोग निस्तारी के काम आएगा तो दूसरी ओर इस तालाब को आजीविका गतिविधि से जोड़कर स्व सहायता समूह का लाभ पहुंचाया जाएगा। अमृत सरोवर बनने से आसपास के किसानों को खेती किसानी के लिए पानी मिल सकेगा। इसके साथ ही अमृत सरोवर तालाब के चारों ओर पौधरोपण किया जायेगा, इसके लिए ग्राम पंचायत एवं ग्रामीणों ने श्रमदान करते हुए फैंसिंग का घेरा तैयार किया है। मानसून के दौरान ग्रामीणों द्वारा पौधरोपण किया जायेगा, जिससे आसपास का पर्यावरण सुरक्षित और संरक्षित रहेगा।