रायपुर में होगी सामाजिक बहिष्कार के तीन प्रकरणों की सुनवाई
कोण्डागांव । छत्तीसगढ़ महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती बालो बघेल ने मंगलवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 181वी सुनवाई हुई कोण्डागांव जिले में आयोजित जन सुनवाई में कुल 14 प्रकरणों पर सुनवाई की गई।
आज की सुनवाई में तीन प्रकरणों को रायपुर स्थानांतरण किया गया, और सात प्रकरण नस्तीबद्ध हुए।
सुनवाई के दौरान आवेदिका ने बताया कि उन्हें 50 हजार रू. का चेक प्राप्त हो है, अब और कुछ लेना बाकी नहीं है। अतः आयोग ने प्रकरण को नस्तीबद्ध किया। अन्य प्रकरण में दोनों पक्ष को सुना गया जमीन के कब्जा को लेकर के विवाद हुआ था, जिस पर पुलिस थाना कोण्डागांव ने एफ.आई.आर. दर्ज किया है। दोनों पक्षों के उपर कार्यवाही हुई अतः आयोग द्वारा प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है। अन्य प्रकरण में आवेदिका का कथन है कि उसे विद्यालय में कार्य करने नहीं दिया जा रहा है और उसका वेतन भी रोका जाता है। अनावेदक प्रभारी प्राचार्य ने बताया कि स्कूल में पद रिक्त होने पर मीडिल स्कूल की प्रधान पाठिका को अनावेदक की शाला में व्याख्याता के पद पर कार्य लिया जा रहा था। बाद में व्याख्याता पदों पर नियुक्ति आ जाने पर सेटअप से अतिरिक्त व्यक्ति का वेतन निकाला जाना भव नहीं था। इसलिए शाला में कोई कक्षा आवेदिका को पढ़ाने नहीं दिया गया। अनावेदक ने यह भी बताया कि जि.शि.अधि. कोण्डागांव को पत्राचार किया गया है कि आवेदिका को किसी रिक्त स्थान पर भेजा जावे, पर अब तक उन्हें प्रभार नहीं मिला है। अनावेदन ने 21.09.2022 को ज्वाइंट डायरेक्टर एवं डी.ई.ओ. को लिखित पत्र भेजा था पर आज दिनांक तक आवेदिका को पदस्थाना नहीं दिया जा रहा है आवेदिका ज्वाइंट डायरेक्टर लोकश शिक्षण विभाग और जिला शिक्षा अधिकारी दोनों को पत्राचार कर चुकी है। ऐसी दशा में दोनों की लापरवाही की वजह से शासन का नुकसान हो रहा है। अतः आयोग ने निर्देश दिया कि दोनों को पक्षकार बनाकर सूचना भेजा जाए और जुलाई माह में रायपुर में प्रकरण की सुनवाई रखा जाए। अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों द्वारा एक दूसरे के साथ मारपीट एवं गाली-गलौज होने पर कोण्डागांव थाने में रिपोर्ट दर्ज किया गया है। दोनों पक्ष का मामला पुलिस ने दर्ज कर लिया, कार्यवाही न्यायालय में लंबित है। अतः आयोग द्वारा प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
अन्य सामाजिक दो प्रकरणों में अनावेदकगण ने बताया कि उनके द्वारा समाज के पदों से इस्तीफा दिया जा चुका है। आवेदकगण को समझाईश दिया गया कि वह केन्द्रीय पदाधिकारियों का नाम पता प्रस्तुत करें। उसके बाद प्रकरण सुनवाई हेतु रायपुर रखा जावेगा। आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि सम्भागीय पदअधिकारियों के इस्तीफा देने के कारण उन्हें निर्देशित किया गया कि केन्द्रीय पदाधिकारी का नाम पता मोबाईल नम्बर सहित प्रस्तुत करें ताकि सुनवाई रायपुर में रखी जायेगी।
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