कोरबा 05 जून 2023 । पशुधन विभाग द्वारा पशुपालकों को ग्रीष्म एवं वर्षा ऋतु में पशुओं को उचित रख-रखाव हेतु आवश्यक सुझाव दिए गए हैं। ग्रीष्म ऋतु में पशु गृह में हवा का मुक्त आवागमन सुनिश्चित कर पशुओं को सीधी धूप से बचाने के लिए पशुशाला के मुख्य द्वार पर खस (खसखस) या जूट की बोरियों के पर्दे लगाने चाहिए। पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए पशुशाला में पंखे, कूलर और स्प्रिंकलर सिस्टम लगाए जा सकते हैं। यह दुधारू पशुओं के लिए उपयुक्त है। पर्याप्त स्वच्छ पेयजल हमेशा उपलब्ध होना चाहिए। पीने के पानी को छांव में रखें। पानी और पानी के कुंडों को हमेशा साफ रखें। पानी के कुंडों का नियमित चूने से सफाई करनी चाहिए। पशुओं को कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन जैसे- आटा, रोटी, चांवल आदि न खिलाएं। संतुलित आहार के लिए अनाज और चारा का अनुपात 40ः60 रखें।
गर्मियों के दौरान उगाई जाने वाली ज्वार में जहरीले पदार्थ हो सकते हैं, जो जानवरों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए वर्षा के अभाव में ज्वार की फसल को पशुओं को खिलाने से पहले 2-3 बार सिंचाई कर दें। पशुओं में बरसात के मौसमी बिमारियों की रोकथाम हेतु गर्मी में एच.एस., एफ.एम.डी., बी.क्यू. आदि के टीके लगवाने चाहिए। पशुगृह के खुले क्षेत्र के आसपास छायादार वृक्ष लगायें, जो तापमान को कम करने में सहायक होते हैं। अपने क्षेत्र में चारे की पर्याप्त उपलब्धता तथा पशुओं हेतु की उपलब्धता स्थानीय निकाय से समन्वय बनाकर सुनिश्चित करें। जिले के सभी पशु चिकित्सा संस्थानों जीवन रक्षक औषधि का भण्डारण सुनिश्चित करें। पशुओं में लू लगने पर पशु चिकित्सक से परामर्श लें।
इसी तरह बरसात की मौसम के शुरूआत से पहले और उसके दौरान जानवरों को विभिन्न आंतरिक परजीवियों के खिलाफ कृमिनाशक दवा दी जानी चाहिए। फार्म पशुओं को संक्रामक रोग अर्थात् हेमोरेजिक सेप्टीसीमिया (एचएस), ब्लैक क्वार्टर (बीक्यू) और खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी) के लिए वर्षा ऋतु के पूर्व ही टीका लगाया जाना चाहिए। अपने क्षेत्र में पशुओं को पीने के लिए स्वच्छ एवं स्वास्थ्यकर पानी उपलब्ध करायें तथा दूध की पैदावार बढ़ाने के लिए हरे चारे के साथ सूखा चारा उपलब्धी सुनिश्चित रखें। बरसात कि दिनों में पशुओं को चरने के लिए खुला न छोडें। चारे की कमी को रोकने के लिए किसान अपरंपरागत चारा जैसे घास और साइलेज तैयार कर सकते हैं।
इनके साथ ही वे जानवरों को खनिज आवश्यकता को पूरा करने के लिए यूरिया शीरा खनिज ब्लॉक (यू.एम.एम.बी.) जैसे खनिज ब्लॉकों का भी उपयोग कर सकते हैं। बारिश के दौरान पानी के रिसाव से बचने के लिए मानसून पूर्व पशु शेड की मरम्मत की जानी चाहिए। पशु गृह में उचित वायु संचार की व्यवस्था करें। संक्रमण को रोकने के लिए मृत पशु को जलाकर और गहरे दफन (चूना/नमक सहित) विधि द्वारा उचित निपटान। बाहरी परजीवियों को नियंत्रित करने के लिए पशुशाला में कीटनाशकों का नियमित छिड़काव करें। पशुओं के थनों को संक्रमण से बचाने के लिए गाय के गोबर से साफ करें एवं पशुशाला के फर्श को स्वच्छ एवं सूखा तथा मूत्र रहित रखें।
[metaslider id="347522"]