ISRO चीफ पर नसीरुद्दीन शाह ने लगाए दुष्प्रचार के आरोप, बोले- अंधविश्वास की ओर बढ़ रहा भारत

नईदिल्ली : अभिनेता नसीरुद्दीन शाह दिनों अपने विवादित बयानों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं। बीतें कुछ दिनों से एक्टर ऐसे बयान दे चुके हैं, जिनपर काफी हंगामा मचा हुआ है। इस बीच एक बार फिर उनके इस बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि यह दुख की बात है कि देश अपना वैज्ञानिक स्वभाव खो रहा है। वयोवृद्ध कहते हैं कि समय के साथ देश के लोग विज्ञान से दूर जा रहे हैं और अंधविश्वासों में विश्वास करने की ओर वापस जा रहे हैं, जो कि एक खतरनाक बात है।

चार्ल्स डार्विन को पाठ्यपुस्तकों से मिटा दिया गया है’
एक मीडिया संस्थान से बातचीत के दौरान अभिनेता ने कहा कि चार्ल्स डार्विन को पाठ्यपुस्तकों से मिटा दिया गया है और अगले एक को अंततः अल्बर्ट आइंस्टीन के साथ किया जाएगा। शाह ने सोचा कि उनके बिना कोई पाठ्यक्रम कैसा दिखेगा।  नसीरुद्दीन शाह ने कहा,  “विज्ञान के बजाय, हम अंधविश्वासों पर वापस जा रहे हैं। ‘इससे कैंसर ठीक हो जाएगा इससे हवाई जहाज उड़ेंगे, वह वैसा करेगा।’ उन्होंने जीव विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों से चार्ल्स डार्विन को हटा दिया है, विकासवाद का सिद्धांत चला गया है। अगला आइंस्टीन होगा, फिर मुझे नहीं पता कि वे हमें क्या सिखाएंगे।”

इसरो को लेकर कही यह बात
अभिनेता ने यह भी दावा किया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भी दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है, जहां एक प्रमुख प्रमुख ने सभी वैज्ञानिक खोजों के लिए पुराणों को श्रेय दिया और “अनुचित श्रेय” लेने के लिए पश्चिम की आलोचना की। एक्टर ने कहा कि दावे इतने बेतुके हैं कि कोई इसका मुकाबला कैसे कर सकता है।

‘ये सारी वैज्ञानिक खोजें पुराणों में हैं’
उन्होंने आगे कहा, “इसरो की प्रमुख, मुझे लगता है कि वह एक महिला हैं, कहती हैं ‘ये सारी वैज्ञानिक खोजें पुराणों में हैं (ये सभी वैज्ञानिक खोजें पुराणों में थीं) और यह कि पश्चिम यूरोपीय आविष्कारों पर विचार करके इसका अनुचित श्रेय लेता है।’ अब कैसे क्या आप उससे बहस भी कर सकते हैं? ऐसे व्यक्तित्व के साथ आपकी क्या बातचीत हो सकती है?”