0 विश्व साइकिल दिवस पर रासेयो जिला संगठक ने की जागरुकता की पहल
कोरबा,04 जून । मोटर-गाड़ियों के दौर में भले ही आज साइकिल का चलन धीमा पड़ता जा रहा, पर एक वक्त वह भी था, जब इसे युग का महानतम आविष्कार कहा गया। सेहत के बहाने की सही, पर बिना शोर इन दो पहियों पर घूमने का आनंद लोग आज भी उठाते हैं और आनंद भी लेते हैं। कुछ ऐसी ही पहल शनिवार की सुबह एक पिता और उनकी दो बेटियों ने की। विश्व साइकिल दिवस पर पर्यावरण संरक्षण और सेहतमंद जीवनशैली का संदेश लेकर निकलने पिता व दो पुत्रियों ने शहर में दस किलोमीटर की साइकिल राइड की।
विश्व साइकिल दिवस पर राष्टÑीय सेवा योजना के कोरबा जिला संगठक वाय के तिवारी ने शनिवार को अपनी पुत्रियों वर्चला व आराध्या तथा रासेयो स्वयंसेवक कृशम सिन्हा के साथ प्रात: 5.15 बजे कोरबा शहर का भ्रमण किया। जैन मंदिर चौक सीएसईबी से निकलकर ट्रांसपोर्ट नगर चौक, ओवरब्रिज पार कर पुराना बस स्टैंड वापस सुनालिया चौक से डीडीएम रोड से रिकांडो बाई पास होते जैन मंदिर चौक पर यात्रा समाप्त की। हमने लगभग 10 किलोमीटर साइकिल यात्रा का आनन्द लिया। प्रात:काल शुद्ध वातावरण में शांत शहर के भ्रमण का आनंद के साथ शारीरिक तंदुरस्ती और प्रदूषण रहित वाहन चालन का संदेश हमने आमजन को दिया। साइकिल चालन हमें आरोग्यता के साथ शहर के सड़कों व विभिन्न भागों से परिचित होने का अवसर प्रदान करती है। साइकिल यात्रा पूरी करने के बाद समापन पर हमने जूस व केला का नाश्ता भी किया।
निर्माणाधीन श्रीराम दरबार का भी किया दर्शन
डीडीएम विद्यालय मार्ग में प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पहल व नेतृत्व में भव्य श्रीराम दरबार का निर्माण हो रहा है। रासेयो संगठक व उनकी पुत्रियों समेत इस साइक्लिंग टीम ने निर्माणाधीन श्रीराम दरबार तथा रामकथा पंडाल का भी दर्शन किया और अपनी यह छोटी सी यात्रा पूर्ण की। इस बीच उन्हें देखने और जानने वाला हर कोई प्रभावित हुआ। उल्लेखनीय होगा कि राष्टÑीय सेवा योजना के माध्यम से स्वयंसेवक लगातार अनेक प्रकार के प्रेरक अभियान से जुड़े रहते हैं। समाज सेवा, प्रकृति व पर्याचरण संरक्षण, स्वच्छता, एड्स जागरुगकता और रक्तदान से लेकर अनेक गतिविधियों के माध्यम से समाज व युवा वर्ग के लिए पथ प्रदर्शन में महति भूमिका निभा रहे हैं। इसी कड़ी में यह एक नई पहल जुड़ गई है।
प्रकृति को हम सहेजेंगे तो ही प्रकृति हमें संभालेगी: डॉ. प्रशांत बोपापुरकर
केएन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत बोपापुरकर ने कहा कि प्रकृति को हम सहेजेंगे तो ही प्रकृति हमें संभालेगी। कोविड के मुश्किल दौर ने हमें घरों में कैद किया तो प्रकृति जैसे इस दौरान मुक्त सी हो गई। प्रकृति की इसी आजादी में पर्यावरण सुधर गया था और हम सभी ने अपनी सांसों में शुद्धता महसूस की। रासेयो संगठक वायके तिवारी ने कहा कि 40 प्रतिशत से अधिक हरियाली समेटे कोरबा जिल के लोगों के लिए अपनी प्रकृति और हवा-पानी की शुद्धता को बचाए रखने के लिए अब भी वक्त है। साइकिल राइड के माध्यम से उन्होंने यही आह्वान किया कि अपनी दिनचर्या में साइकिल को नियमित रूप से शामिल करें, ताकि प्रकृति को सांस लेने के लिए शुद्धता और हमें शुद्ध वायु यूं ही मिलती रहे। उन्होंने अपने बच्चों व स्वयंसेवकों को भी यही संदेश दिया कि आने वाली पीढ़ी भी साइक्लिंग और सेहतमंद जीवनशैली को अपने साथ लेकर चलें।
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