देवस्नान चंदन जात्रा पूजा विधान के साथ बस्तर गोंचा का शुभारंभ

जगदलपुर ,04 जून  रियासत कालीन बस्तर गोंचा पर्व 2023 में देवस्नान चंदन जात्रा पूजा विधान 4 जून को प्रात:11 बजे से जगन्नाथ मंदिर में संपन्न हुई। देवस्नान चंदन जात्रा पूजा विधान के तहत 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के ब्राह्मणों द्वारा इंद्रावती नदी सेपवित्र जल लाकर शताब्दियों पुरानी परंपरानुसार भगवान शालीग्राम का पंचामृत, चंदन एवं इंद्रावती नदी के पवित्र जल से अभिषेक कर विधि-विधान से पूजा संपन्न किया गया। तत्पश्चात प्रभु जगन्नाथ स्वामी, माता सुभद्रा एवं बलभद्र के 22 विग्रहों को मुक्ति मंडप में स्थापित किया किया गया।

प्रभु जगन्नाथ स्वामी, माता सुभद्रा एवं बलभद्र के विग्रहों को मुक्ति मंडप में स्थापित किये जाने के साथ ही भगवान का अनसर काल प्रारंभ होकर 18 जून तक जारी रहेगा, इस दौरान दर्शन वर्जित होगा, इस दौरान भगवान को औषधिय युक्त विशेष भोग के अर्पण के साथ सेवा होगी, जिसे श्रृद्धालुओं में वितरित किया जायेगा, 19 जून नेत्रोत्सव पूजा विधान के साथ प्रभु जगन्नाथ स्वामी, माता सुभद्रा एवं बलभद्र का दर्शन लाभ श्रद्धालुओं को श्रीमंदिर के गर्भगृह के बाहर होगें।

360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ईश्वर नाथ खबारी ने बताया कि बस्तर गोंचा पर्व के 615 वर्षों की ऐतिहासिक रियासत कालीन परपरानुसार समस्त पूजा विधान संपन्न किये जायेगें, जिसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। 18 जून को नेत्रोउत्सव पूजा विधान के साथ प्रभु जगन्नाथ के दर्शन होंगे, 20 जून को श्रीगोंचा रथ यात्रा पूजा विधान के साथ ही प्रभु जगन्नाथ स्वामी जनकपुरी सिरहासार भवन में नौ दिनों तक श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ स्थापित होगें, इस दौरान समस्त श्रद्धालुओं को पुण्यलाभ का पावन अवसर प्राप्त होगा।

इस दौरान बस्तर गोंचा महापर्व समिति के अध्यक्ष ललित पांडे, राधाकांत पाणिग्राही, उमाशकर पाढ़ी, सुदर्शन पाणिग्राही, आत्माराम जोशी, विवेक पांडे, नरेंद्र पाणिग्राही, बसंत पांडा, गजेद्र पाणिग्राही, श्रीमती सरिता जोशी, रविंद्र पांडे, हेमंत पांडे, चिंतामनी पांडे, राकेश पांडे, रामनुजन आचार्य, दिलेश्वर पांडे, मिथलेश पाणिग्राही, बनमाली पानीग्राही, विम्भाधर पांडे, भूपेंद्र जोशी, वेणुधर पानीग्राही, प्रशांत पाणिग्राही, उत्तम पाणिग्राही, हेमंत पाणिग्राही, महेंद्र नाथ जोशी, आशू आचार्य, मोहन जोशी, चोखेलाल पाणिग्राही, रश्मि पांडे, केदार नाथ पाढ़ी, कृपासागर पाढ़ी, भानु मंडन एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।