ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह एक रिव्यू मीटिंग की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी ने ट्रेन हादसे से पैदा हुए हालात की समीक्षा के लिए अधिकारियों संग बैठक की।
हादसे में 280 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि 900 से ज्यादा यात्री जख्मी हुए हैं। ये हादसा भारत में अबतक की सबसे भीषण ट्रेन हादसों में से एक है। इस ट्रेन हादसे में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थीं। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ने इस हादसे पर सवाल उठाए हैं।
एक चर्चा में पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल कहते हैं कि ओडिशा के बालासोर जिले में बहानागा रेलवे स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने का समाचार दुखद है। मुझे यह याद नहीं कि इससे पहले देश में तीन ट्रेन दुर्घटना हुई हैं। केंद्र सरकार को तत्काल प्रभाव से मृतकों के परिजन और घायलों को आर्थिक सहायता मुहैया करवानी चाहिए। यहीं नहीं इस घटना की एक उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
बंसल कहते हैं कि अभी इस हादसे पर कुछ कहना बहुत जल्दबाजी होगी। क्योंकि अभी तक इन तीनों ट्रेनों के सीक्वेंस सही मायने में पता नहीं लग पा रहे हैं। यह भी हो सकता है कि किसी एक ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरकर बगल के ट्रेक पर पलटे ही होंगे। इतनी देर में दूसरी ट्रेन उस ट्रेक पर आ गई होगी, जिससे हादसा हो गया। सोचने वाली बात यह है कि अगर किसी ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरे तो वह कैसे। क्योंकि किसी यात्री ट्रेन के डिब्बों का पटरी से उतरने का विषय बहुत की गंभीर श्रेणी में आता है। एक सवाल यह भी है कि जो ट्रेन पटरी से उतरी है, क्या वहां ट्रेक गड़बड़ था या फिर ट्रेन के पहिए में कोई दिक्कत थी। या कोई मेंटेनेंस का काम चल रहा था। क्योंकि किसी एक ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरे हैं, उसी के बाद ये हादसा हुआ है।
वहीं दूसरी बात यह भी है कि आज रेलवे का सिस्टम इतना विकसित है कि अगर कोई ट्रैक पर हादसा हुआ है, तो तुरंत स्टेशन पर मौजूद डिस्प्ले में स्टेशन मास्टर सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी को इसकी जानकारी पता लगती है। ट्रेक पर अगर कोई जानवर भी आता है तो इसकी जानकारी मिलती है। फिर जब किसी ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरे हैं तो इसकी जानकारी क्यों नहीं मिली। रेलवे को इस मामले में उच्च स्तरीय जांच बैठानी चाहिए।
इस बीच रेलवे ने ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है, जिसकी अध्यक्षता दक्षिण-पूर्वी सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त करेंगे। रेलवे सुरक्षा आयुक्त सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के अधीन काम करता है और इस प्रकार के सभी हादसों की जांच करता है।
[metaslider id="347522"]