कोरबा जिले के ग्राम गोढ़ी में शुक्रवार को करंट की चपेट में आकर 4 मवेशियों की मौत हो गई। वन्यप्राणियों के लिए बिछाए गए बिजली के तारों की चपेट में आकर किसान के 4 भैंसों की मौत हो गई। सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की।
जानकारी के मुताबिक, कोरबा वन मंडल कार्यालय से 12 किलोमीटर दूर ग्राम गोढ़ी में भागीरथी उर्फ बबलू यादव का घर है। वो खेती के अलावा मवेशी पालन भी करता है। उसने अपनी 4 भैंसों को चरने के लिए छोड़ा था, लेकिन वे शाम होने पर घर नहीं पहुंचीं। किसी अनहोनी की आशंका से बबलू ने उन्हें ढूंढना शुरू किया। अन्य ग्रामीणों के साथ जब वो जंगल पहुंचा, तो उसे मवेशियों के शव की दुर्गंध आई, उसने वहां जाकर देखा, तो उसकी चारों भैंसें मरी हुई पड़ी थीं।
मृत भैंसें इधर-उधर पड़ी हुई थीं, उन्हें शिकारियों ने पत्तों से ढंक दिया था।
किसान ने भैंसों की मौत की जानकारी वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वनकर्मी मौके पर पहुंचे। भैंसों के शव के पास 11 केवी करंट प्रवाहित तार 6 से 7 फीट की ऊंचाई पर लटक रहा था। वहीं अलग-अलग स्थान पर भैंस मृत पड़े हुए थे। मवेशियों को सूखे पत्ते से ढंका गया था, जिससे दुर्गंध आ रही थी। वनकर्मियों ने मौके का बारीकी से निरीक्षण किया, तो वन्य प्राणी के शिकार के लिए बिछाए गए तार भी मिले।,सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की।
वनकर्मियों ने आशंका जताई है कि शिकार के लिए बिछाए गए बिजली के तार की चपेट में आकर मवेशियों की मौत हुई। इसके बाद शिकारियों ने घबराकर मृत मवेशियों को सूखे पत्ते और डालियों से ढंक दिया होगा। मवेशी मालिक ने बताया कि इससे पहले भी इस तरह की घटना सामने आ चुकी है। वन विभाग के कर्मचारियों ने कहा कि जल्द ही आरोपियों को ढूंढ लिया जाएगा।
बता दें कि कोरबा और कटघोरा वनमंडल में वन्य प्राणियों के शिकार पर अंकुश लगाने के लिए एंटी स्नेक वॉक शुरू किया गया था। इस योजना के तहत प्रशिक्षण टीम के साथ वर्ल्ड अकेडमी जंगल की गश्त कर रहे थे, ताकि समय रहते शिकार के लिए बिछाए गए तार के जाल को हटाया जा सके। लेकिन 4 मवेशियों की मौत ने इस योजना की पोल खोलकर रख दी है।
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