3 फीसदी हिस्सेदारी बेचे जाने से कर्मचारी संगठन नाखुश: कोल इंडिया की हिस्सेदारी बेचे जाने पर सीटू ने जताया विरोध

साल दर साल कोल इंडिया के बढ़ते प्रोडक्शन के बावजूद कोल इंडिया की 3 फीसदी हिस्सेदारी बेचे जाने के निर्णय का सीटू ने विरोध जताया है। ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव डीडी रामानंदन ने कोयला सचिव को लिखे पत्र में बताया है कि कोयला उत्पादन व लाभ में प्रभावशाली बढ़ोत्तरी के बाद भी केन्द्र सरकार का कोल इंडिया का हिस्सेदारी बेचा जाना समझ से परे है। कोल इंडिया देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है।

ऊर्जा संसाधन को पूरी करने में महत्वपूर्ण भूमिका िनभा रही है। केन्द्र सरकार को पर्याप्त लाभांश दे रही है। बीते साल की तुलना में 13 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज करते हुए कोल इंडिया ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 703 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है।

फेडरेशन की ओर से मांग की गई है कि कोल इंडिया लिमिटेड का विनिवेश बंद हो, देश की धरोहरों का निजीकरण नहीं किया जाए। बता दें कि देश की महारत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड की ऑफर फॉर सेल के जरिए 3 फीसदी हिस्सेदारी बेचे जाने का निर्णय लिया गया है। आने वाले दिनों में श्रमिक संगठनों की ओर से इसका और अधिक विरोध देखने को मिल सकता है।

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