सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के एक आदेश पर रोक लगा दी है। दरअसल मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की एक प्रेस विज्ञप्ति को जारी करने पर रोक लगा दी थी। इसमें वन संरक्षण संशोधन बिल 2023 के लिए लोगों के सुझाव मांगे गए थे।
दरअसल, सुझाव सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी में मांगे गए थे, जिसे लेकर आपत्ति थी। इसके बाद हाईकोर्ट में तमिल भाषा में जानकारी की याचिका दायर की गई और हाईकोर्ट ने प्रेस विज्ञप्ति पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सालीसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिस पर जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने सुनवाई की।
सालीसिटर जनरल ने उठाए सवाल
तुषार मेहता ने कहा कि लोकसभा सचिवालय सोमवार तक तमिल भाषा में बिल की प्रति जारी कर देगा, जिससे याचिकाकर्ता की आपत्ति का भी निदान हो जाएगा। सालीसिटर जनरल ने कहा कि हाईकोर्ट को विधायी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
वकील जी.थीरन थिरुमुरुगन ने सरकार की प्रेस विज्ञप्ति के खिलाफ याचिका में कहा कि अगर संशोधन विधेयक या प्रेस विज्ञप्ति को स्थानीय भाषा में उपलब्ध नहीं कराया गया तो लोगों से सुझाव मांगने का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। याचिकाकर्ता ने तमिल भाषा में विधेयक की प्रति उपलब्ध कराने की अपील की।
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